मन की बात: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील- लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनना है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज "मन की बात" के जरिये देश को संबोधित किया। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की यह 68वीं कड़ी थी। इसे आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना संकट के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी।उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए मास्क और दो गज की दूरी जरूरी है। साथ ही पीएम मोदी ने बच्चों के खिलौनों पर भी बात की। उन्होंने लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर "मन की बात" के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की यह 68वीं कड़ी है। इसे आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को "मन की बात" कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था।
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आम तौर पर ये समय उत्सव का है। जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है। हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है।
पीएम मोदी ने कहा, बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है। ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमःअर्थात अन्नदाता को नमन है। किसान को नमन है। किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है।
पीएम मोदी ने कहा, खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं। हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, Global toy industry, 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परम्परा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए? खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं - अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है।
Created On :   30 Aug 2020 5:08 AM GMT