पीएम बनने के बाद पहली बार उज्जैन आ रहे मोदी नहीं कर पाएंगे बाबा महाकाल का जलाभिषेक, जानिए वजह 

Mahakal Lok Ujjain Live: PM Modi will not be able to perform Jalabhishek of Baba Mahakal, know the reason
पीएम बनने के बाद पहली बार उज्जैन आ रहे मोदी नहीं कर पाएंगे बाबा महाकाल का जलाभिषेक, जानिए वजह 
महाकाल लोक लोकार्पण पीएम बनने के बाद पहली बार उज्जैन आ रहे मोदी नहीं कर पाएंगे बाबा महाकाल का जलाभिषेक, जानिए वजह 
हाईलाइट
  • 40 मिनट तक मंदिर में रुकेंगे

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के 8 सालों बाद पीएम मोदी का पहली बार बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में आगमन हो रहा है। पीएम मोदी आज 11 अक्टूबर को देश के सबसे बड़े मंदिर कॉरिडोर श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे और उसे देश को समर्पित करेंगे। पीएम के आगमन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 2017 में हमने एक सपना देखा था जो अब पूरा हो रहा है। बाबा महाकाल का आशीर्वाद देश और प्रदेश को मिले, सबका मंगल और कल्याण हो यही मेरी कामना है। 

सीएम शिवराज ने कहा कि पौराणिक नगरी उज्जैन के वैभव, परंपराओं, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा श्री महाकाल क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए बनाई गई योजना अब साकार होने जा रही है। उन्होंने कहा कि गरिमामय समारोह में योजना के प्रथम चरण के कार्यों का लोकार्पण करने उज्जैन आ रहे हैं। 

बाबा महाकाल का जलाभिषेक नहीं करेंगे पीएम

श्री महाकाल लोक कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले प्रधानमंत्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शाम 5 बजकर 30 मिनट पर पूजा करेंगे। वह करीब 40 मिनट तक मंदिर में रुकेंगे। इसके बाद शाम 6 बजकर 30 मिनट पर कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वह देश के लोगों को संबोधित करेंगे और इंदौर होते हुए दिल्ली रवाना हो जाएंगे। 

पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार बाबा महाकाल के धाम उज्जैन आ रहे हैं और मंदिर में 40 मिनट तक रुकेंगे भी, ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि वह बाबा महाकाल का जलाभिषेक क्यों नहीं कर रहे हैं? इसके अलावा वह उज्जैन में रात्रि विश्राम क्यों नहीं कर रहे हैं?  दरअसल, इसके पीछे मंदिर से जुड़ी मान्याताएं हैं जिसकी वजह से पीएम मोदी न जलाभिषेक कर पा रहे हैं और न ही महाकार की नगरी उज्जैन में ठहर पा रहे हैं। 

मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर से जुड़ी मान्याताओं के मुताबिक यहां शाम के साढ़े पांच के बाद बाबा महाकाल का जलाभिषेक नहीं किया जाता है। मंदिर में इतने समय संध्या आरती की तैयारियां शुरु हो जाती हैं। शाम को बाबा महाकाल का सूखे मेवों और भांग से श्रृंगार किया जाता है। शाम के पांच बजकर तीस मिनट पर महाकाल के मंदिर आने वाले पीएम मोदी इस मान्यता के कारण ही जलाभिषेक नहीं कर पाएंगे। वह यहां केवल सूखी पूजा ही कर पाएंगे। 

इसके अलावा पीएम उज्जैन मोदी उज्जैन में रात को ठहर भी नहीं पाएंगे। दरअसल, पुरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन के राजा बाबा महाकाल हैं। ऐसा माना जाता है कि किसी ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति अगर उज्जैन में रात्रि विश्राम करता है तो वह अपने ऊंचे पद को गंवा बैठता है। इसी कारण से राजा महाराजाओं के कुल से जुड़े लोगों के साथ ही राजनेता भी उज्जैन में रात्रि विश्राम करने से कतराता है। 

 मान्यताओं के मुताबिक जो भी कोई बड़ा नेता या सीएम, पीएम जैस उच्च पद पर बैठा व्यक्ति यदि बाबा महाकाल के दरबार में रात गुजारते हैं तो उनको सत्ता से संबंधित दिक्कतें शुरु हो जाती हैं। कहा जाता है कि महाकालेश्वर के दर्शन करने आए देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारी जी देसाई ने उज्जैन रात्रि विश्राम किया था, जिसके अगले ही दिन उनकी सरकार गिर गई थी। इसके अतिरिक्त कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा भी एक बार मुख्यमंत्री रहते हुए उज्जैन में रात के समय रुक गए थे। इसके 20 दिनों के भीतर ही उन्हें 20 दिनों के अंदर ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 

इसी मान्यता के चलते हाल ही उज्जैन में संपन्न हुई मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक की शुरुआत होने से पहले सीएम शिवराज ने अपनी कुर्सी पर बाबा महाकाल की तस्वीर रखी। तस्वीर को मुख्य कुर्सी पर रखते हुए सीएम ने कहा कि हमारी कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता बाबा महाकाल करेंगे। महाकुंभ के समय भी सीएम शिवराज दिनभर उज्जैन में होते थे लेकिन रात होते ही भोपाल चले जाते थे। 

मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन में राजा भोज के समय से ही कोई भी राजा रात में नहीं रुकता। वर्तमान में सिंधिया राजघराने के राजा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रात में बाबा महाकाल की नगरी में नहीं ठहरते हैं। 

Created On :   11 Oct 2022 4:35 PM IST

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