Pegasus Spying: भारतीय पत्रकारों की जासूसी का दावा, सरकार ने खारिज किया आरोप

Pegasus Spying: भारतीय पत्रकारों की जासूसी का दावा, सरकार ने खारिज किया आरोप
हाईलाइट
  • इजराइली कंपनी ने तैयार किया Pegasus सॉफ्टवेयर
  • कंपनी सरकार को ही बेचती है
  • "Pegasus सॉफ्टवेयर"
  • फोन की हर चीज पर रखता हैं नजर

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। वॉशिंगटन पोस्ट और द गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया हैं कि, भारत के 40 से ज्यादा पत्रकारों, एक संवैधानिक प्राधिकारी, तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं और नरेंद्र मोदी सरकार में दो पदासीन मंत्री समेत कई कारोबारियों की जासूसी की गई है और ये जासूसी कोई और नहीं बल्कि सरकार ने खुद एक खास पेगासस नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए करवाई है। लेकिन, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। 

Pegasus नाम पर चर्चा सबसे पहले साल 2019 में हुई थी, जब Whatsapp ने यूजर्स को मैसेज किया कि उनका फोन  Pegasus की मदद से ट्रैक किया जा रहा है। इसमें दुनिया भर के पत्रकार, नेता और एक्टिविस्ट थे। इस घटना के बाद से ही Pegasus लगातार चर्चा के कैंद्र में बना हुआ है। 

Pegasus: Pegasus Spyware: How To Hack Your Phone Without You Knowing ..  Hacking Sensational Phones‌

क्या हैं Pegasus ?

Pegasus स्पाइवेयर सोफ्टवेयर है, इस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी का भी फोन टैप किया जा सकता है, जिसे इजराइली कंपनी एन.एस.ओ ग्रुप ने तैयार किया है। एन.एस.ओ ग्रुप के अनुसार, वो सरकार को ये टूल बेचती है और वो इसके दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार नही है। इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से किसी को पता नहीं लगता कि उसका फोन हैक किया गया है।  अगर हैकर फोन को टारगेट कर लेता है तो वो milicious वेबसाइट की लिंक भेजता है। यूजर्स उसको क्लिक करता है तो pegasus इंस्टॉल हो जाता है। इसको Whatsapp वायस कॉल से भी इंस्टॉल किया जा सकता है। 

Project Pegasus' exposes snooping of journos, activists, politicians across  India | EastMojo

फोन में इंस्टॉल होते ही ये अपना काम शुरू कर देता है। ये फोन की कॉल लॉग की हिस्ट्री को भी डिलीट कर देता है। ये फोन की हर चीज पर नजर रखता है। यहां तक कि यह Whatsapp एन्क्रिप्शन चैट्स को भी पढ़ सकता है। यह आपके फोन के लोकेशन डाटा, फोन के वीडियो के कैमरा का एक्सेस भी हैक कर सकता है। वो इसके जरिए बातचीत को भी सुन सकता है। ये ब्राउजर हिस्ट्री, कोन्टैक्ट डिटेल्स, मेल पढ़ने, स्क्रीनशॉट लेने में भी सक्षम है।

ये एक अल्टीमेट सर्विलांस टूल है। सरकार चाहती है तो वह इसका यूज कर सकते है। ये काफी एडवांस और स्मार्ट सॉफ्टवेयर है। अगर इसका संपर्क कंट्रोल सर्वर से 60 दिन तक नहीं हो पाता है या इसको लगता है कि यह गलत डिवाइस में इंस्टॉल हो गया है तो वह अपने आपको डिलीट कर लेता है। यह काफी महंगा सॉफ्टवेयर है, जिसकी कीमत लाखो डॉलर है। यह कंपनी सरकार को ही सॉफ्टवेयर बेचती है, यही वजह हैं कि ये आम आदमी की पहुंच से दूर है।  

Pegasus: Who allowed the use of spying software in India and why? | Baaghi  TV


 

Created On :   19 July 2021 3:42 PM IST

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