छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में बारूदी सुरंग में IED ब्लास्ट कर उड़ाई बस, 5 जवान शहीद और 14 जख्मी
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में मंगलवार को नक्सली हमले की खबर आई है। नक्सलियों ने जवानों से भरी सुरक्षाबलों की बस को बारूदी सुरंग में IED से विस्फोट कर उड़ा दिया है। घटना में 5 जवान शहीद हो गए, जबकि अन्य 14 जवान घायल हैं। ब्लास्ट के दौरान बस में 24 जवान सवार थे। सूचना मिलते ही बैकअप फोर्स को मौके पर रवाना कर दिया गया है।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान एक ऑपरेशन से वापस लौट रहे थे, तभी उनके वाहन को नक्सलियों ने निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि लगातार 3 IED ब्लास्ट हुए हैं। नक्सली जवानों की बस पर हमला करने के लिए घात लगाकर बैठे थे। बस्तर के IG पी.सुंदरराज ने बताया कि नारायणपुर में नक्सल विरोधी अभियान के बाद DRG फोर्स वापस लौट रही थी। बस में 24 डीआरजी के जवान सवार थे। सभी DRG के जवान बस में सवार होकर धौड़ाई थाना क्षेत्र के कडेनार से मंदोड़ा जा रहे थे। तभी नक्सलियों ने बस पर IED ब्लास्ट कर दिया। घटना में 02 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं और 12 जवानों को सामान्य चोट लगने की जानकारी मिली है। घायल जवानों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा जा रहा है।
Chhattisgarh: Three District Reserve Guard (DRG) jawans and one police personnel lost their lives in an IED blast by naxals in Narayanpur today. 14 security personnel injured, including two critical.
— ANI (@ANI) March 23, 2021
(Pic Source: ITBP) pic.twitter.com/qlCPJmQXpl
हादसे में शहीद होने वाले जवानों के नाम
- जय लाल उइके, ग्राम-कसावाही (प्रधान आरक्षक)
- करन देहारी, अंतागढ़, (ड्राइवर)
- सेवक सलाम, कांकेर
- पवन मंडावी, बहीगांव
- विजय पटेल, नारायणपुर
नक्सलियों ने 6 दिन पहले भेजा था शांति वार्ता का प्रस्ताव
नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखीं थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।
मुख्यमंत्री बघेल बोले- ये हमला नक्सलियों की हताशा का परिणाम
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि राज्य में नक्सल विरोधी अभियान तेज किया जाएगा। इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों के कारण नक्सली हताश हैं क्योंकि वे अपनी जमीन खो रहे हैं। यह हमला उनकी हताशा का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने शहीद हुए जवानों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
छत्तीसगढ़ में तीन साल में 970 नक्सली घटनाएं, इनमें 113 जवान शहीद
बता दें कि 2 फरवरी 2021 को लोकसभा में नक्सली घटनाओं को लेकर सरकार से जानकारी मांगी गई थी। गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने इसका जवाब दिया था। उनके मुताबिक देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली घटनाओं में कमी आ रही है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2018 में देशभर में 833 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2019 में घटकर 670 और 2020 में घटकर 665 हो गई।
हालांकि, छत्तीसगढ़ में 2019 की तुलना में 2020 में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। लोकसभा में दिए जवाब में सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2018 से लेकर 2020 तक तीन सालों में 970 नक्सली घटनाएं हुई थीं, जिनमें सुरक्षाबलों के 113 जवान शहीद हुए थे। वहीं, 2019 में छत्तीसगढ़ में 263 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2020 में करीब 20% बढ़कर 315 हो गईं। जबकि, 2019 में नक्सली हमलों में छत्तीसगढ़ में 22 जवान शहीद हुए थे और 2020 में 36 जवानों की जान गई।
Created On :   23 March 2021 6:25 PM IST