मोदी सरकार का G-20 मीटिंग को लेकर बड़ा फैसला, चीन और पाकिस्तान परेशान

Modi governments big decision regarding G-20 meeting, China and Pakistan upset
मोदी सरकार का G-20 मीटिंग को लेकर बड़ा फैसला, चीन और पाकिस्तान परेशान
जी-20 मोदी सरकार का G-20 मीटिंग को लेकर बड़ा फैसला, चीन और पाकिस्तान परेशान

डिजिटल डेस्क,दिल्ली।  चीन और पाकिस्तान के साथ बीते कुछ सालों से बढ़े सीमा विवाद के बीच भारत इस साल जी-20 समिट की अध्यक्षता करने जा रहा है। हाल ही में भारत के द्वारा लिया गया फैसला चीन और पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है। भारत ने आगामी G-20 और Y-20 की बैठक लेह और श्रीनगर में आयोजित करने का फैसला लिया है। यह मीटिंग 26 से 28 अप्रैल और 22 से 24 मई को होनी है। 

लेह और श्रीनगर में होने वाली इस मीटिंग से पाकिस्तान को  फिर मिर्ची लगी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बॉडी की सदस्यता का फायदा उठा रहा है। वहीं चीन को लेकर कहा जा रहा है कि वह इस मीटिंग का बायकॉट कर सकता है। बता दें चीन ने इससे पहले अरूणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में 26 मार्च को हुई जी-20  प्रतिनिधियों की बैठक में शामिल नहीं हुआ था। 

सरकारी अधिकारियों की माने तो इस शिखर सम्मेलन में करीब 80 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। हालांकि अभी तक साफ नहीं किया गया है कि इस मीटिंग में शामिल होने के लिए कितने देशों ने हामी भर दी है। इसके पीछे की मुख्य वजह कई ओआईसी समूह के सदस्य देश भी हैं जो जी-20 में शामिल हैं। बता दें ओआईसी समूह के सदस्य देशों ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन का विरोध किया था। 

पाकिस्तान ने क्या कहा
लेह और श्रीनगर में आयोजित होने वाली जी-20 मीटिंग को लेकर पाकिस्तान विरोध जताते हुए कहा "जम्मू कश्मीर विवाद लगभग सात दशक से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है,और इस तरह के आयोजन से जम्मू-कश्मीर की सच्चाई नहीं छुप सकती।" 

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा "लेह और श्रीनगर में जी-20 की दोनों बैठकें परेशान करने वाली हैं। भारत का यह गैर-जिम्मेदाराना कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है।" 

भारत का जवाब
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान पर भारत की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि अरूणाचल प्रदेश में आयोजित मीटिंग में शामिल न होने और गृहमंत्री अमित शाह के अरूणाचल दौरे पर विरोध जता रहे चीन को भारत की तरफ से करारा जवाब दिया गया है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार गृहमंत्री के दौरे के बाद कहा कि अरूणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था,है और हमेशा रहेगा। बागची ने आगे कहा कि चीन की इस तरह की आपत्तियों से सच्चाई बदल नहीं जाएगी। 

Created On :   12 April 2023 2:02 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story