लद्दाख: भारत और चीन के बीच बेनतीजा रही चार घंटे बैठक, शीर्ष स्तर पर भी होगी बैठक
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- दोनों देशों ने छठे दौर की शीर्ष स्तरीय सैन्य वार्ता आयोजित करने का फैसला किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए भारत और चीन की सेना ने शनिवार को बातचीत की। दोनों पक्षों ने उन बिंदुओं से सैन्य बलों को हटाने पर चर्चा की, जहां वह एक-दूसरे के आमने-सामने डटे हुए हैं। दोनों पक्षों के ब्रिगेड कमांडरों ने चुशुल में मुलाकात की। यह बैठक सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली, लेकिन वार्ता अनिर्णायक रही।
दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि सात सितंबर से लगातार बातचीत कर रहे हैं, जिस दिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था और नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए भड़काऊ कदम उठाया था। दोनों देशों ने अब अगले कुछ दिनों के भीतर अपने छठे दौर की शीर्ष स्तरीय सैन्य वार्ता आयोजित करने का फैसला किया है। कोर कमांडर-14 से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन दो अगस्त से नहीं मिले हैं। दोनों पक्षों की ओर से इन सैन्य अधिकारियों ने पहले कई बार की वार्ता में हिस्सा लिया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच विश्वास अब पूरी तरह से टूट चुका है। चीन ने पैंगॉन्ग त्सो-चुशुल क्षेत्र में हजारों सैनिक, टैंक और हथियार जुटाए हैं। चीनी सैनिक भारतीय जवानों से चंद कदमों की दूरी पर ही हैं।
भारतीय सैनिकों ने थाकुंग क्षेत्र से लेकर पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर गुरुंग हिल, स्पैंग्गुर गैप, मगर हिल, मुखपारी, रेजांग ला और रेकिन ला (रेकिन माउंटेन पास), और चुशुल के पास अन्य ऊंचाई वाली जगहों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है। यह ऐसी जगहें हैं, जहां से भारतीय जवान चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। चीनियों ने भारतीय सैनिकों को पहाड़ की ऊंचाइयों से हटाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
भारत ने यह भी पाया है कि चीनी पक्ष ने एलएसी -पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोप और बख्तरबंद वाहनों को जुटाना शुरू कर दिया है। भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार महीने से आमने-सामने हैं। कई स्तरों के संवाद के बावजूद, कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
Created On :   12 Sept 2020 9:03 PM IST