जानें उन 5 महिलाओं के बारे में जिनकी वहज से ज्ञानवापी मस्जिद बना राष्ट्रीय मुद्दा, उन्हीं की अर्जी पर शुरू हुआ ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे
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- महिलाओं ने मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरा स्थल पर प्रार्थना की अनुमति मांगी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मुद्दा गमराया हुआ है। इस वक्त चारों तरफ केवल ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर ही चर्चाएं हो रही हैं। वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मंदिर का सर्वे भी किया गया है। सर्वे में हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया जा रहा है कि परिसर के अंदर शंकर जी का शिवलिंग मिला है। विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की रिपोर्ट दो दिनों के भीतर कोर्ट में जमा की जानी है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले को कोर्ट में ले जाने वाली पांच महिलाएं हैं। इन्हीं की अर्जी पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे भी शुरू किया गया है। इन महिलाओं ने मंदिर परिसर में श्रृंगार गौरा स्थल पर प्रार्थना की अनुमति मांगी है। खास बात यह है कि इन महिलाओं में से कोई गृहिणी है, तो कोई ब्यूटी पॉर्लर चलाता है। वैसे ज्ञानवापी का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को सर्वे से बाहर कर दिया है। अब मस्जिद का सर्वे विशाल सिंह और अजय सिंह करेंगे।
आइए जानते हैं इन महिलाओं के बारे में
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता बनीं एक महिला दिल्ली की है, जबकि चार वाराणसी से ही ताल्लुक रखती हैं। इन महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर परिसर के अंदर श्रृंगार गौरी स्थल पर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी है। इसी को लेकर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने वीडियोग्राफिक निरीक्षण का आदेश दिया।
इस पर मस्जिद प्रबंधन ने विरोध जताई है। कोर्ट में याचिका डालनी वाली महिलाओं में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक वाराणसी में रहती हैं और मामले की हर सुनवाई के दौरान मौजूद रही हैं। गौरतलब है कि यह सुनवाई अगस्त 2021 में शुरू हुई थी। पांचवीं याचिकाकर्ता दिल्ली में रहती हैं, जो अभी कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई हैं।
विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी हैं महिलाएं
गौरतलब है कि विश्व सनातन संघ की स्थापना साल 2018 में हुआ था। इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में है। हालांकि इसका कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली समते कई राज्यों में है। संगठन ने नई दिल्ली की एक अदालत में कुतुब मीनार की स्थिति पर भी मामला दर्ज किए हैं। साथ ही एक मथुरा अदालत में कृष्ण जन्मस्थान के संबंध में जिसमें एक मस्जिद के साथ विवाद भी शामिल है।
राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी हैं, जिसके अध्यक्ष उनके चाचा जितेंद्र सिंह हैं। इसी सनातन संघ की वजह से राखी सिंह की मुलाकात लक्ष्मी, सीता साहू, मंजू और रेखा पाठक से हुई थी। विश्व वैदिक सनातन संघ के यूपी संयोजक संतोष सिंह का कहना है कि संगठन ने वाराणसी की चार महिलाओं के साथ समन्वय किया और अगस्त 2021 में ज्ञानवापी याचिका दायर करने के लिए उन्हें एक साथ लाया था।
पांच महिलाएं जो कर रही हैं दावा
1- राखी सिंह
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह, जो कि दिल्ली की रहने वाली हैं। विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य हैं। हालांकि अभी तक मामले की सुनवाई में राखी सिंह हिस्सा नहीं ली हैं। संगठन के यूपी संयोजक संतोष सिंह ने बताया कि राखी सिंह हिंदुत्व के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह देवी मां श्रृंगार गौरी की उपासक हैं।
2- लक्ष्मी देवी
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी के पति विश्व हिंदू परिषद के नेता सोहन लाल आर्य का कहना है कि वह एक गृहिणी हैं, जो कभी किसी संगठन या संगठन से नहीं जुड़ी हैं। वह मुश्किल से कभी घर छोड़ती है। वह कहते हैं, जिसमें अदालत की सुनवाई में आना भी शामिल है। दंपति वाराणसी के महमूरगंज इलाके में रहता है।
3- सीता साहू
सीता साहू ज्ञानवापी परिसर से महज 2 किमी दूर वाराणसी के चेतगंज इलाके में अपने घर से एक छोटा सा जनरल स्टोर चलाती है। जबकि वह कभी किसी संगठन या संगठन से जुड़ी नहीं रही। वह कहती हैं, "हम हिंदू धर्म के लिए काम कर रहे हैं और याचिका दायर की है क्योंकि हमें मंदिर में अपनी देवी की ठीक से पूजा करने की अनुमति नहीं है। सीता साहू ने कहा कि वह अपने हक की लड़ाई लड़ेंगी और जीतेंगी।
4- मंजू
मंजू व्यास ज्ञानवापी परिसर से 1.5 किमी दूर स्थित अपने घर से एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं और किसी भी संगठन या संगठन की सदस्य या पदाधिकारी नहीं हैं। वह व्यवसाय के अलावा, परिवार की देखभाल करती है। वह कहती हैं कि उनकी रुचि श्रृंगार गौरी स्थल पर प्रार्थना करने में है।
5- रेखा पाठक
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के पास स्थित हनुमान पाठक क्षेत्र के निवासी रेखा पाठक भी गृहिणी हैं। वह कहती हैं कि वह अपनी देवी के लिए याचिका का हिस्सा बनीं। उनका कहना है कि मुझे बुरा लगा कि मंदिर में पूजा के लिए जाने वाली महिलाओं को बैरिकेडिंग के पार जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए मैं याचिका का हिस्सा बन गई।
Created On :   17 May 2022 8:06 PM IST