जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में चीन के शिकंजे पर रोशनी डाली

Jaishankar sheds light on Chinas grip on banning terrorists in Security Council
जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में चीन के शिकंजे पर रोशनी डाली
विदेश मंत्री जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में चीन के शिकंजे पर रोशनी डाली
हाईलाइट
  • इस दौरान दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की बात आई

 डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गुरुवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में चीन के शिकंजे को रेखांकित करते हुए उन्हें दंड से मुक्त करने की राजनीति की निंदा की।

यूक्रेन में अपराधों पर बुलाई गई सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, राजनीति को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए और न ही वास्तव में दंड से मुक्ति की सुविधा देनी चाहिए।

उन्होंने कहा, अफसोस की बात है कि हमने हाल ही में इस चैंबर में देखा है, जब दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की बात आई।

उन्होंने 2008 के मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता साजिद मीर, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के नेता अब्दुल रऊफ अजहर और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के नेता अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ प्रतिबंधों को चीन द्वारा अवरुद्ध किए जाने की ओर इशारा किया।

उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को चीन के प्रतिबंधों से बचाए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, यदि दिन के उजाले में किए गए भयानक हमलों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, तो इस परिषद को दंड से मुक्ति के मसले पर हमारे भेजे संकेतों पर विचार करना चाहिए। यदि हम विश्वसनीयता सुनिश्चित करना चाहते हैं तो निरंतरता होनी चाहिए।

वहीं, एक अन्य मंच पर विदेश मंत्रालय में पश्चिम सचिव संजय वर्मा ने आतंकवाद के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।

आतंकवाद के पीड़ितों के दोस्तों के समूहों की मंत्रिस्तरीय बैठक में वर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाकर, 26/11 के मुंबई हमलों सहित सीमा पार आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय के अधिकार को बनाए रखने के लिए कहा।

सुरक्षा परिषद में सीधे चर्चा के तहत यूक्रेन के विषय पर जयशंकर ने कहा, यहां तक कि संघर्ष की स्थितियों में भी मानवाधिकारों या अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का कोई औचित्य नहीं हो सकता, जहां ऐसी कोई भी घटना होती है, तो यह अनिवार्य है कि उसकी वस्तुनिष्ठ और स्वतंत्र तरीके से जांच की जाती है।

उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन के एक शहर बुका में हत्याओं की स्वतंत्र जांच का समर्थन किया। वहां अप्रैल में रूसी सैनिकों के वहां से हटने के बाद 400 से अधिक शव मिले थे।

(आईएएनएस)

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Created On :   23 Sept 2022 12:30 AM IST

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