Milkha Singh Death: टूट गई पिता-पुत्र की बेमिसाल जोड़ी, बेटे को इसलिए नहीं बनाया धावक
- कोरोना के चलते मिल्खा सिंह का निधन
- दौड़ के मैदान से मिल्खा के बेटे ने रखी दूरी
- पिता की तरह बेटे भी हैं खेल जगत की प्रसिद्ध हस्ति
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। मिल्खा सिंह के निधन के साथ ही भारत के खेल जगत का एक बड़ा अध्याय भी खत्म हो गया। फ्लाइंग सिख के नाम से प्रसिद्ध मिल्खा सिंह ने कोरोना के चलते आखिरी सांस ली। जिस फ्लाइंग सिख को दुनिया में कोई नहीं हरा सका। वो जिंदगी की रेस कोरोना के बेरहम पंजों के बीच फंस कर हार गया। मिल्खा सिंह का एक बेटा और तीन बेटियां हैं। सरपट भागते हुए इस धावक ने पूरी दुनिया में नाम कमाया, पर मिल्खा ने कभी अपने बेटे को इस मैदान में नहीं आने दिया। इसके बाद भी खेल जगत में वो और उनके बेटे की जोड़ी बेमिसाल है।
पिता-पुत्र की जोड़ी का बेमिसाल रिकॉर्ड
मिल्खा सिंह खुद पद्मश्री से सम्मानित थे। उनके बेटे जीव मिल्खा को भी पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। ऐसे में मिल्खा सिंह और उनके बेटे दोनों देश की एकमात्र ऐसी जोड़ी हैं जिन्हें ये सम्मान मिला है। खेल की दुनिया में नायाब काम करने के लिए पिता पुत्र को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। पर अब मिल्खा सिंह के निधन के बाद ये जोड़ी टूट गई।
गोल्फर हैं जूनियर मिल्खा
मिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा एक गोल्फर हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वो एक जाना माना नाम हैं। साल 2006 और उसके बाद 2008 में उन्होंने ये दो बड़े खिताब जीते। दो बार एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट का खिताब जितने वाले वो भारत के एकमात्र गोल्फर हैं। इसके अलावा भी गोल्फ में कई नए रिकॉर्ड भारत के नाम दर्ज करवा चुके हैं।
इसलिए याद किए जाते रहेंगे मिल्खा
महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह और खेल जगत में उनके योगदान को भुला पाना आसान नहीं होगा। मिल्खा सिंह ने एशियाई खेलों में चार बार गोल्ड मेडल जीता था। 1960 में रोम में हुए ओलंपिक में उन्होंने सबसे शानदार प्रदर्शन किया हालांकि सिर्फ पीछे मुड़ कर देखने की वजह से वो पदक लेने से चूक गए। पर उनके हुनर का लोहा उस वक्त सबने माना। भूतपूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री फील्ड मार्शल अयूब खान ने मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिंख का नाम दिया था। कहा जाता है जब मिल्खा दौड़ना शुरु करते थे तो उनकी तेज रफ्तार देखकर लगता था कि वो उड़ रहे हैं।
Created On :   19 Jun 2021 11:17 AM IST