Protest: दिल्ली सील करने की तैयारी में किसान, सरकार ने आज दोपहर बातचीत के लिए बुलाया, सिंधु बॉर्डर पर बवाल करने वालों पर FIR
- 4 महीने का राशन लेकर बॉर्डर पर जमे किसान
- सिंधु और टिकरी बॉर्डर बंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर सोमवार को लगातार पांचवें दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दिल्ली में एंट्री के 5 रास्तों पर सैकड़ों किसान डेरा डालकर बैठे हैं और दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने पर अड़े हुए हैं। सरकार ने जिस बुराड़ी मैदान को किसानों के लिए आरक्षित किया था वो इन किसानों को ओपन जेल जैसा लगने लगा है और जो किसान वहां पहुंचे थे वो वापस लौट रहे हैं। पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए टकराव के मामले में अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज कर ली है।
इस बीच केंद्र ने किसानों को मंगलवार को बातचीत के लिए बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इससे पहले किसानों को 14 अक्टूबर और 13 नवंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया था। अगली बैठक 3 दिसंबर को होनी थी, लेकिन कोविड संक्रमण है और सर्दी भी है इसलिए ये बैठक जल्द बुला ली गई है। बैठक विज्ञान भवन में 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे होगी। दरअसल, रविवार को किसानों ने सरकार का यह प्रस्ताव मानने से इनकार कर दिया था कि किसान बुराड़ी पहुंचें और प्रदर्शन खत्म करें।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हुए थे पथराव
दिल्ली के अलीपुर पुलिस स्टेशन में धारा 186, 353, 332, 323, 147, 148, 149, 279, 337, 188, 269, और 3 PDPP एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश थी। इस दौरान पुलिस पर पथराव हुए थे। सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा था। पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस और बल का प्रयोग किया था। इस बवाल के दौरान दिल्ली पुलिस के करीब 3-4 पुलिसकर्मियों को चोट लगी थी। एक सब इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह के हाथ पर तलवार से भी हमला हुआ था।
4 महीने का राशन लेकर बॉर्डर पर जमे किसान
किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर रविवार रात बैठक की।
सिंधु और टिकरी बॉर्डर बंद
फिलहाल, सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद है। गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है। टिकरी बॉर्डर पर 1500 किसान जमे हुए हैं जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर इनकी संख्या 1000 के करीब है। किसानों की संख्या घटती बढ़ती रहती है। बैरिकेंडिंग के दूसरी तरफ पुलिस भी पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद है।
किसान अब दिल्ली के बाकी बॉर्डर को बंद करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि राजस्थान के किसानों को दिल्ली-जयपुर बॉर्डर को बंद करने को कहा गया है जबकि आगरा-मथुरा हाईवे को भी बंद किया जाएगा यानी दिल्ली पूरी तरह से सील करने की कोशिश होगी।
किसानों की मांगें
किसानों की दो मांग हैं। पहली ये कि उनकी बात सुनी जाए और उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर तक जाने दिया जाए। दूसरी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर है। बहरहाल, किसानों ने मन बना लिया है कि लड़ाई लंबी चले तो भी पीछे नहीं हटेंगे। अन्नदाता पूरी तैयारी से जुटे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली घर बन गया है, सड़क पर लंगर लग गए हैं, किसान शिफ्ट में धरना दे रहे हैं- एक दल धरने पर बैठता है तो दूसरा दल खाने-पीने के समान की व्यवस्था करता है। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
Created On :   30 Nov 2020 7:55 PM GMT