यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने के लिए नौकरी से बर्खास्तगी कोई आधार नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट

Dismissal from job no ground for registering sexual harassment case: Karnataka HC
यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने के लिए नौकरी से बर्खास्तगी कोई आधार नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने के लिए नौकरी से बर्खास्तगी कोई आधार नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट
हाईलाइट
  • पीड़िता पर यौन उत्पीड़न के आरोप

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि नौकरी से निकाल देना यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता। शिकायत को खारिज करते हुए कोर्ट ने इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के आदेश दिए। न्यायमूर्ति के. नटराजन की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में (4 नवंबर) आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि डाकघर के प्रभारी अधिकारी ने कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया, यह स्वयं शिकायत दर्ज करने और पीड़िता पर यौन उत्पीड़न के आरोप में उन्हें अदालत में घसीटने का आधार नहीं हो सकता।

शिकायतकर्ता महिला, एक अस्थायी ग्रुप-डी कर्मचारी ने 16 मई, 2018 को बेंगलुरु के बसवनगुडी पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। पोस्टमास्टर राधाकृष्ण और हनुमंतैया के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि उसकी मां डाकघर में एक संविदा कर्मचारी थी।

जब वह बीमार पड़ी तो शिकायतकर्ता डाकघर गई। उसने दस साल तक राधाकृष्ण के अधीन काम किया और बाद में हनुमंतैया पोस्टमास्टर बन गए। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हनुमंतैया ने उसका अपमान किया और उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने कहा, इन सब से परेशान होकर उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया। बाद में, हनुमंतैया ने अपनी यौन इच्छाओं को व्यक्त किया, जिसे ठुकरा दिया गया। राधाकृष्ण मुझे अपनी कार में एक पार्क में ले गए और मेरा यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया, जहां मुझे कुछ अजनबियों ने बचाया।

पुलिस ने दोनों आरोपी पोस्टमास्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामला 37वें एसीएमएम कोर्ट में जांच के चरण में है। आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि पुलिस ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं की, कि उक्त पार्क मौजूद है या नहीं, क्या शिकायतकर्ता और आरोपी पार्क में गए थे? क्या कोई सीसीटीवी फुटेज है? अदालत ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत देने में विफल रहा है और इसलिए कार्यवाही को रद्द कर दिया गया है।

(आईएएनएस)

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Created On :   7 Dec 2022 2:00 PM IST

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