लंदन में मुट्ठीभर लोगों का संगठन, पंजाब में जनमत संग्रह कराने में किसी की रुचि नहीं: सिंह
- काफी समय से पंजाब में भी सिखों का एक छोटा सा तबका भी इस मांग का समर्थन करता आया है।
- कैप्टन अमरिंद ने कहा कहा कि वे ऐसी रैली को लेकर वो बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं।
- संगठन पंजाब को अलग कर खालिस्तान बनाने की मांग कर रहा है।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। ब्रिटेन के सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस की मुहिम पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है। ट्वीट में अमरिंदर ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस के संगठन के "जनमत संग्रह 2020" में किसी की भी रुचि नहीं है। लंदन में रविवार को होने वाली रैली पर अमरिंदर ने कहा कि यह रैली आईएसआई समर्थित मुट्ठीभर सिखों की कोशिश है। ब्रिटेन में रह रहे ये लोग विभाजन का हंगामा करके भारत और पंजाब में परेशानी पैदा करना चाहते हैं। अमरिंदर ने सिख फॉर जस्टिस के कार्यकर्ताओं पर जनमत संग्रह के नाम पर पैसा उगाही करने का आरोप भी लगाया है।
कैप्टन ने कहा कि पंजाब के लोगों में इस अभियान के प्रति बिल्कुल भी रुचि नहीं है। यहां के नागरिक विकास और शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे ऐसी रैली को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। वे पंजाब में किसी को भी दिक्कत पैदा नहीं करने देंगे। अमरिंदर न कहा, "जो लोग सोचते हैं कि मेरे देश और राज्य में आकर शांति भंग करने में कामयाब हो जाएंगे, उन लोगों की धारणा बिल्कुल गलत है। अमरिंदर ने पुलिस को भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
This entire referendum business is just a money making racket of "Sikhs For Justice" and its promoters. There are no takers for this campaign in Punjab, as people want peace and development: Punjab CM Capt Amarinder Singh on #Referendum2020 (file pic) (10.08.2018) pic.twitter.com/PCKAvXPVjr
— ANI (@ANI) August 11, 2018
क्या है जनमत संग्रह 2020?
लंदन में सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन के बैनर तले भारत विरोधी मुहिम चलाई जा रही है। संगठन पंजाब को अलग कर खालिस्तान बनाने की मांग कर रहा है। संगठन से जुड़े लोग इसके लिए जनमत संग्रह करवाना चाहते हैं। काफी समय से पंजाब में भी सिखों का एक छोटा सा तबका भी इस मांग का समर्थन करता आया है। सिख फॉर जस्टिस 12 अगस्त को ट्राफलगर स्क्वॉयर पर ग्लोबल मार्च निकालने जा रहा है। संगठन 2020 तक जनमत संग्रह कराने की मांग कर रहा है। सिख फॉर जस्टिस का मानना है कि इससे दुनियाभर में रह रहे तकरीबन 30 करोड़ सिखों को अपना घर मिल सकेगा। संगठन का दावा है कि उससे जुड़े 14 संगठनों ने यूएन के जनरल सेक्रेटरी और असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी को 2017 में एक मसौदा सौंपा है। ये मसौदा पंजाब में जनमत संग्रह को लेकर है।
“The issue is not wether or not we will win the non binding referendum; But we as a Sikh community and as Punjabis should be given the right to vote.” #Referendum2020#Khalistan #LDN2020Declaration pic.twitter.com/z1OtNtcPMA
— Sikhs For Justice (@sikhsforjustice) August 10, 2018
Created On :   11 Aug 2018 4:12 PM IST