चीन की आपत्ति पर भारत की दो टूक, जम्मू-कश्मीर हमारा पूरी तरह आंतरिक मामला

China objects to Jammu & Kashmir bifurcation, India hits back saying don't meddle in internal matters
चीन की आपत्ति पर भारत की दो टूक, जम्मू-कश्मीर हमारा पूरी तरह आंतरिक मामला
चीन की आपत्ति पर भारत की दो टूक, जम्मू-कश्मीर हमारा पूरी तरह आंतरिक मामला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्रशासित राज्यों के तौर पर बांटने के पर चीन ने आपत्ति जताते हुए अवैध करार दिया है। इस पर भारत ने बेहद तल्ख प्रतिक्रिया दी है। भारत ने गुरुवार को चीन से दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन पूरी तरह आंतरिक मामला है और वह ऐसे मुद्दों पर अन्य देशों की टिप्पणियां नहीं चाहता। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीन का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा अब भी जारी है।

जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने को लेकर चीन ने एक बयान जारी किया है। चीन ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों का गठन "गैर-कानूनी और निरर्थक" है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन इस मुद्दे पर भारत की स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन की बात पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। हम चीन सहित अन्य देशों से भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की उम्मीद नहीं करते, ठीक वैसे ही जैसे भारत भी अन्य देशों के मामलों में टिप्पणी करने से बचता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेश भारत के अभिन्न हिस्सा हैं।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चीन ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के भारतीय हिस्से पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। गौरतलब है कि गुरुवार से जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में बंट गया है। दरअसल, 5 को केंद्र ने आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने और सूबे के 2 केंद्रशासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन का ऐलान किया था।

यूरोपियन यूनियन (ईयू) के सांसदों के भारत और कश्मीर दौरे पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार के संज्ञान में लाया गया था कि विदेशी सांसदों का एक दल भारत दौरे पर आना चाहता है। सभी सांसद भारत को जानने को लेकर उत्सुक थे। इस मुलाकात का मकसद परिचय मात्र था। सभी विदेशी सांसद अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों और देशों से थे। पहले भी ऐसी मुलाकातें होती रही हैं।

Created On :   1 Nov 2019 12:20 AM IST

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