बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2 अपराधियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला
- बच्चों के अपहरण-हत्या का मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2 अपराधियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 13 नाबालिग बच्चों के अपहरण और कम से कम 5 की हत्या के सनसनीखेज मामले में दो मुख्य आरोपियों - दोनों सौतेली बहनों - की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। जिस वारदात ने 1990 के दशक की शुरूआत में राज्य को हिलाकर रख दिया था।
आरोपी सीमा गावित और रेणुका शिंदे हैं, जिन्हें 1996 में महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था और अब तक लगभग 25 साल जेल में बिता चुके हैं। एक अन्य मुख्य आरोपी और उनकी मां, अंजना, (जिसे गिरफ्तार किया गया था और मामले में आरोपित किया गया थी) का 1998 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान निधन हो गया था। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने उनकी दया याचिकाओं पर निर्णय लेने में सरकारी अधिकारियों द्वारा देरी के कारण मृत्युदंड को कम कर दिया।
कोल्हापुर सत्र न्यायालय ने सौतेली बहनों को 13 बच्चों के आश्चर्यजनक अपहरण और उनमें से 5 को बेरहमी से मारने के लिए दोषी ठहराया और 2001 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। बाद में 2004 में बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा की पुष्टि की।
आईएएनएस
Created On :   18 Jan 2022 11:00 AM GMT