दिल्ली हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल: 20 हजार पन्नों ने खोले कई राज, महिलाओं की आड़ में रचते थे हिंसा की साजिश

Charge sheet filed in Delhi violence case
दिल्ली हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल: 20 हजार पन्नों ने खोले कई राज, महिलाओं की आड़ में रचते थे हिंसा की साजिश
दिल्ली हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल: 20 हजार पन्नों ने खोले कई राज, महिलाओं की आड़ में रचते थे हिंसा की साजिश
हाईलाइट
  • उमर खालिद ने कबूल किया कि दंगे पूरी तरह सुनियोजित थे
  • चार्जशीट में उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम नहीं
  • धरनास्थल पर महिलाओं को भेजा जाता था
  • ताकि पुलिस लाठीचार्ज न करे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को कड़कड़डूमा अदालत में दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं को भड़काने के मामले में आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर कर दिया। 20 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में पुलिस ने 15 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA), भारतीय दंड संहिता (IPC) और शस्त्र अधिनियम (आर्म्स एक्ट) की विभिन्न धाराओं के तहत अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।

चार्जशीट में बताया गया है कि मुख्य साजिशकर्ता प्रदर्शन करने वालों को निर्देश दे रहे थे। हर जगह दंगा फैलाने के लिए 25 वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। पुलिस ने हर ग्रुप और इसकी भूमिका की पहचान कर ली है।हालांकि आरोप पत्र में दिल्ली हिंसा के मामले में दायर की गई चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के नाम नहीं है। उन्हें सांप्रदायिक हिंसा में साजिश करने के लिए कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम पूरक (सप्लीमेंट्री) चार्जशीट में होगा।

महिलाओं को किया जाता था शामिल, ताकि पुलिस बल प्रयोग न करे
पुलिस ने उमर खालिद के मोबाइल की फोरेंसिक रिपोर्ट मंगा ली है और उसका विश्लेषण कर रही है। उमर खालिद के मोबाइल से 40 जीबी डेटा दंगों से संबंधित मिला है। उसने बताया कि ऐसे हालत पैदा कर दिए गए थे कि आम लोगों में टकराव हो और दंगे भड़क जाएं। उमर खालिद के कहने पर महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा धरना स्थलों पर एकत्रित किया गया था, ताकि पुलिस बल का प्रयोग न करे।

चार्जशीट में इनके नाम शामिल
इसमें आम आदमी पार्टी के निलंबित नेता ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, पीएफआई नेता परवेज अहमद और मोहम्मद इलियास के नाम शामिल हैं। इसके अलावा आरोप पत्र में एक्टिविस्ट सैफी खालिद, पूर्व-पार्षद इशरत जहां, जामिया के छात्र आसिफ इकबाल, मीरान हैदर और सफूरा जरगर, शादाब अहमद और तसलीम अहमद के नाम शामिल हैं। सभी को अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट (यूएपीए), आईपीसी और आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया है।

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी
सीएए के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में 751 एफआईआर दर्ज की हैं।
 

Created On :   16 Sept 2020 10:27 PM IST

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