प्रयास: 62 किसानों ने जमीन देने के लिए भरे शपथ पत्र, ताकि गांव में ही बने एम्स अस्पताल

Attempt: 62 farmers filled affidavits to give land, so that AIIMS Hospital built in the village itself
प्रयास: 62 किसानों ने जमीन देने के लिए भरे शपथ पत्र, ताकि गांव में ही बने एम्स अस्पताल
प्रयास: 62 किसानों ने जमीन देने के लिए भरे शपथ पत्र, ताकि गांव में ही बने एम्स अस्पताल
हाईलाइट
  • किसानों ने जमीन देने के लिए भरे शपथ पत्र
  • जनता की भावना है कि मनेठी में ही बने एम्स
  • मनेठी के उप तहसीलदार ने लिए किसानों के शपथ पत्र

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव मनेठी में एम्स अस्पताल के लिए किसानों में जमीन देने की होड़ मच गई है। एम्स अस्पताल का निर्माण गांव में ही किया जाए, इसके लिए यहां 62 किसानों ने एम्स संघर्ष समिति के बैनर तले अपनी जमीन देने संबंधी शपथ पत्र भरे। समिति के अध्यक्ष सरपंच श्योताज सिंह ने बताया कि राजस्व विभाग की ओर से मनेठी के उप तहसीलदार जयप्रकाश गर्ग, कानूनगो गिरिवर सिंह व पटवारी धीरेंद्र सिंह ने किसानों के शपथ पत्र लिए।  

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गांव मनेठी में एम्स अस्पताल बनने की घोषणा की थी। इसके लिए गांव के पास ही वन क्षेत्र में जमीन को चिह्नित किया गया था, लेकिन वन विभाग ने जमीन देने से इनकार करते हुए विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद गांव के लोगों ने एकत्रित होकर एम्स अस्पताल के लिए जमीन देने का फैसला कर लिया।
 
जनता की भावना है कि मनेठी में ही बने एम्स 
सरपंच श्योताज सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एम्स के निर्माण को लेकर यह शर्त रखी है कि यदि गांव के लोग अपनी जमीन दें तो जल्द ही मनेठी में एम्स का निर्माण शुरू हो सकता है। इसको लेकर बीते शनिवार को गांव में पंचायत बुलाई गई थी। इसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और एम्स के लिए जमीन देने का ऐलान किया। अब तक 62 किसानों के शपथ पत्र राजस्व विभाग को सौंपे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता की भावना है कि घोषित एम्स मनेठी में ही बने, उसे अन्यत्र नहीं ले जाने दिया जाएगा।

ग्रामीणों ने कहा कि एम्स के लिए जमीन कम पड़ रही है तो किसान अपनी जमीन देने को तैयार हैं। एम्स निर्माण की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो, इसके लिए किसानों से शपथ-पत्र भरवाए गए हैं। इस मौके पर सरपंच श्योताज सिंह, पूर्व सरपंच सुरेश कुमार, समिति के सचिव ओमप्रकाश सेन, कैलाश चन्द, अश्विनी कुमार, अतुल कुमार, प्रताप सिंह, कृष्ण, यशपाल, संजय, सतीश, उमेश, राजेश, बाबूलाल, सोमदत्त, रामनिवास, यशपाल, हरपाल, रतनलाल, लालचन्द, महीपाल, कांशीराम व अमित कुमार आदि मौजूद थे।

किसानों का शपथ पत्र  
शपथ पत्र में किसानों ने लिखा है कि मैं अपनी जमीन का मालिक हूं, इस जमीन पर कोई विवाद नहीं है। मैं अपनी उक्त जमीन को बिना किसी दबाव, बहकावे, लोभ व लालच के और स्वस्थ मन, स्थिर बुद्धि और विवेक से एम्स निर्माण के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार को जनहित व विकास के लिए देने के लिए तैयार हूं। अगर प्रदेश व केंद्र सरकार मेरी उक्त जमीन को एम्स निर्माण के लिए लेती है और उसके एवज में मुझे कलेक्टर रेट या सरकार द्वारा निर्धारित रेट जो भी अधिक हो देती है तो मैं उक्त जमीन देने को तैयार हूं।

सरकार मेरी जमीन के एवज में मुझे वाणिज्य व रिहायशी प्लाट देती है तो में सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर लेने के लिए तैयार हूूं। यदि सरकार के साथ मेरी यह आपसी खरीद-फरोख्त होती है तो किसी प्रकार का विवाद पैसों का या अन्य प्रकार का नहीं करूंगा। मैं अपने सौदे पर कायम रहूंगा। यह हलफनामा हजा के पेरा नंबर-1 या 05 के सभी तथ्य मेरे इल्म व यकीन से सही व दुरुस्त हैं। इसका कोई भाग झूठा नहीं है, न ही मैंने कोई अंश छुपाया है। मैं हलफनामा हजा के सभी तथ्यों व परिणाम से अवगत कराता हूं।


 

Created On :   20 Jan 2020 4:49 PM GMT

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