वाराणसी में 5 महिलाओं ने मस्जिद में मांगा पूजा का अधिकार, कहा - मुगल शासन के दौरान मंदिर को किया गया नष्ट

5 women in Varanasi asked for the right to worship in the old temple premises
वाराणसी में 5 महिलाओं ने मस्जिद में मांगा पूजा का अधिकार, कहा - मुगल शासन के दौरान मंदिर को किया गया नष्ट
उत्तर प्रदेश वाराणसी में 5 महिलाओं ने मस्जिद में मांगा पूजा का अधिकार, कहा - मुगल शासन के दौरान मंदिर को किया गया नष्ट
हाईलाइट
  • वाराणसी में 5 महिलाओं ने पुराने मंदिर परिसर में पूजा का अधिकार मांगा

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। वाराणसी में पांच हिंदू महिलाओं ने एक पुराने मंदिर परिसर, जो अब एक मस्जिद में तब्दील हो चुका है, उसमें पूजा करने के अपने अधिकारों की बहाली की मांग की है। इससे संबंधित याचिका दायर होने के बाद, वाराणसी की एक अदालत ने इस मामले पर जिलाधिकारी या पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा है।

बुधवार को दायर याचिका में यह उल्लेख किया गया है कि क्षेत्र में मुगल शासन के दौरान मंदिर परिसर को मस्जिद में बदल दिया गया था। एक हिंदू महिला राखी सिंह के नेतृत्व में याचिका में कहा गया है कि भक्तों को पुराने काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर के अंदर, दृश्यमान या अदृश्य देवताओं की पूजा करने का अधिकार है। उनके अधिवक्ता, हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने अदालत में तर्क दिया कि मूल काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को मुगल सम्राट औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान नष्ट कर दिया था।

Few courageous Hindu girls satisfied the Varanasi District court docket to  take up the Gyanvapi mosque case | Report Wire

जैन ने आगे कहा कि प्रतिवादियों को आदेश दिया जाना चाहिए कि, वे वादी के मौलिक धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप न करें, जिसमें मंदिर में भगवान गणेश, भगवान हनुमान, देवी गौरी और नंदी की मूर्तियों को सजाना शामिल है। उन्होंने अदालत से एक अस्थायी निषेधाज्ञा पारित करने का अनुरोध किया, जिसमें प्रतिवादियों को मूर्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाने का निर्देश दिया गया था। वरिष्ठ सिविल जज जस्टिस रवि कुमार दिवाकर ने आपत्तियों के समाधान के लिए 10 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।

उन्होंने कहा, मौजूदा मामले में वादी द्वारा यूपी सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है, इसलिए प्रतिवादी को सुनना आवश्यक है। वादी को तीन दिनों के भीतर प्रतिवादियों पर नोटिस के लिए अनुरोध करना चाहिए। ज्ञानवापी मस्जिद जिस मंदिर की जमीन पर है, उसे वापस लेने की लड़ाई दशकों से चल रही है। फरवरी 2021 में, मस्जिद परिसर में देवताओं की पूजा को बहाल करने के लिए एक मुकदमा दायर किया गया। अप्रैल में, अदालत ने मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी। इसके लिए दो मुसलमानों सहित पांच सदस्यीय टीम को नियुक्त किया गया था।सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई थी।

(आईएएनएस)

Created On :   20 Aug 2021 12:01 PM IST

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