Murshidabad Violence Update: आग में जले घर, जान बचाकर भागे लोग, शेल्टर्स में हैं बच्चे-महिलाएं, जानें हिंसा की आग में जल रहे मुर्शिदाबाद के मौजूदा हालात!
- मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई भारी हिंसा
- हिंसा से सैकड़ों लोग हैं खौफ में
- हिंसा के सिलसिले में कई लोगों को किया गया गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन के विरोध में भारी हिंसा हुई थी, जिससे सभी के मन में खौफ बैठ गया है। हिंसा के दौरान भीड़ ने वाहनों को जलाया, घर जलाए, दुकानें तोड़ीं, ट्रेन रोकी और रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। मुर्शिदाबाद में हुई इस हिंसा से बंगाल के अन्य स्थानों पर भी दहशत का माहौल है, जिसके चलते लोग बड़ी संख्या में पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, हिंसा प्रभावित 500 लोग मुर्शिदाबाद छोड़कर मालवा में जाकर शरण ले चुके हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती कर दी गई है। पुलिस की टीमें भी तैनात हैं और दंगा करने वालों की लगातार पहचान की जा रही है और अब तक करीब 150 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
कहां देखने मिला हिंसा का सहमा देने वाला मंजर
बता दें, मुर्शिदाबाद, रघुनाथगंज, सूती, जंगीपुर और शमशेरगंज के अलावा दक्षिण 24 परगना जिले के अमतला, उत्तर 24 परगना जिले और हुगली के चंपदानी में ये बवाल देखने को मिले हैं। साथ ही कई सारे इलाकों में बीएनएस की धारा 163 लागू की गई है।
सुरक्षाबल है तैनात
जिन इलाकों में हिंसा हई है वहां पर अभी 9 कंपनी बीएसएफ और 8 कंपनी सीआरपीएफ मौजूद हैं। मुर्शिदाबाद में शुरुआत में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध 200 बीएसएफ कर्मियों को तैनात किया गया था और इसके बाद शाम को बीएसएफ से पांच और बलों को भेजा गया था। इसके बाद अब देखा जाए तो बीएसएफ के कुल 800 बीएसएफ कर्मी तैनात हैं और बंगाल पुलिस की मदद कर रहे हैं।
कितने लोग हुए गिरफ्तार?
सूत्रों के मुताबिक, शनिवार रात में बीएसएफ के साथ की गई संयुक्त छापेमारी के समय करीब 30 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा में शामिल लोगों में करीब 180 लोगों को गिरफ्तार किया है। बंगाल पुलिस ने आज अलग-अलग क्लब्स और स्थानीय संगठनों के साथ शांति बैठक भी की है। रविवार को कुछ जगहों पर बीएसएफ की तरफ से हिंसाकारों को थामने की पूरी कोशिश की है।
बीजेपी ने साधा ममता सरकार पर निशाना
बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि, बंगाल में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। बीजेपी की तरफ से सीएम ममता का इस्तीफा मांगा जा रहा है। बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को लगाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि, राष्ट्रपति शासन के अधीन ही बंगाल में चुनाव कराया जाए। इसका पलटवार करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं करेंगे और उन्होंने हिंसा को रोकने की अपील की है।
राज्यपाल ने जारी किए सख्त आदेश
मुर्शिदाबाद और मालदा में हिंसा से तनावपूर्ण स्थिति देखते हुए राज्यपाल ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। राज्यपाल ने राज्य सरकार को सभी हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आगे शांति बरकरार रखने के लिए सीएम के साथ भी चर्चा की है। लेकिन क्या बात हुई है, इसको लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। वहीं, राज्यपाल की तरफ से स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक सहायता के लिए एक हेल्पलाइन (033-22001641) के साथ-साथ एक हर समय एक्टिव रहने वाला कंट्रोल रूम भी बनवाया है।
मालदा में ली लोगों ने शरण
मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा से प्रभावित कई लोगों ने भागीरथी नदी पार करके मालदा में शरण ली है। स्थानीय प्रशासन की तरफ से हिंसा प्रभावित परिवारों के लिए रहने के साथ-साथ खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है और उन्हें स्कूलों में शरण दी है। साथ ही नावों से आने वालों की मदद करने के लिए नदी के किनारे वॉलिंटियर्स को भी तैनात किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब पांच सौ लोगों ने मुर्शिदाबाद छोड़ दिया है और ये सिलसिला अभी थमा नहीं है।
अब कैसे हैं हाल?
मुर्शिदाबाद में स्थिति अभी थमी नहीं है, लेकिन हालात कंट्रोल हैं। BSF के डीआईजी ने कहा है कि जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। रविवार को मुर्शिदाबाद में सड़कें सुनसान रहीं, दुकानें बंद रहीं और लोग घरों के अंदर ही रह रहे हैं। पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल लगातार हिंसा वाले इलाकों में गश्त कर रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाके मुख्य तौर से सूती, शमशेरगंज, धूलियान और जंगीपुर में सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में रही है। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां सड़कें सुनसान दिखीं और दुकानें बंद रहीं। प्रभावित इलाकों में इंटरनेट भी बंद रहा था।
कोर्ट का क्या था कहना?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में बर्बरता की खबरों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। अदालत ने कहा था कि यह निर्देश केवल मुर्शिदाबाद जिले तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि जरूरत के हिसाब से अन्य जिलों तक बढ़ाया जाना चाहिए। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि, हम उन विभिन्न रिपोर्टों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं जो सामने आई हैं। बेंच ने निर्देश दिया था कि केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे।
क्या था मामला?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को वक्फ अधिनियम के विरोध में हिंसा हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब 18 पुलिसवाले भी घायल हो गए थे। शुक्रवार को हिंसा भड़कने के समय पुलिस वैन के साथ-साथ कई सारे वाहनों में भी आग लगा दी गई थी। सुरक्षा बलों पर भी पथराव हुआ था और सड़कें भी जाम कर दी गई थीं। शनिवार को भी कुछ जगहों पर हिंसा भड़कने की खबर भी सामने आई थी।
Created On :   14 April 2025 3:05 PM IST