एलएसी पर डिसएंगेजमेंट हुआ शुरू: पीछे हटना शुरू हुईं दोनों भारत और चाइना की सेना, दिवाली से पहले खाली होंगे पूर्वी लद्दाख के ये दो स्थान
- पूर्वी लद्दाख से पीछे हटना शुरू हुई सेनाएं
- देपसांग और डेमचोक इलाके होंगे खाली
- 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच हुआ था पेट्रोलिंग समझौता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान हिंसा के बाद शुरू हुआ तनाव अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। दो दिन पहले ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच ब्रिक्स समिट से इतर द्विपक्षीय वार्ता हुई थी जिसका इफेक्ट अब सीमा पर देखने को मिल रहा है। दोनों देश की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने टेम्पररी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।
एलएसी पर डिसएंगेजमेंट हुआ शुरू
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सेनाओं का डिसइंगेजमेंट (सैनिकों की वापसी) शुरू हो चुका है। देपसांग और डेमचौक में स्थानीय कमांडर सैनिकों की वापसी पर नजर रख रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, 28 और 29 अक्टूबर तक भारत और चाइना देपसांग और डेमचोक से अपनी सेनाओं को पूरी तरह हटा लेंगे। यहां पर पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिक तैनात रहेंगे। सैनिक कितनी संख्या में तैनात रहेंगे इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
बात दें बीती 18 तारीख को ये खबर सामने आई थी कि देपसांग और डेमचोक से दोनों देश की सेनाएं पीछे हटेगीं और अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। इसके साथ ही वह केवल उन इलाकों में ही गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा उनके बीच कमांडर लेवल की मीटिंग होती रहेगी।
दोनों देशों के बीच हुआ पेट्रोलिंग समझौता
2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान में सीमा पर झड़प हुई थी, जिसके बाद से ही देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। इसके करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हुआ। इस समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात निर्मित करना है।
Created On :   25 Oct 2024 10:30 PM IST