ग्रैप-3 लागू: दिल्ली में फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ा, दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 हुआ लागू, जानें रोजमर्रा के कामों पर कितना पड़ेगा असर?

दिल्ली में फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ा, दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 हुआ लागू, जानें रोजमर्रा के कामों पर कितना पड़ेगा असर?
  • दिल्ली में जारी हो रहा ग्रैप-3
  • दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
  • सबसे खराब श्रेणी में सबसे ऊपर दिल्ली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर वापस से बढ़ने लगा है। जिसको देखते हुए दिल्ली में ग्रैप-3 लागू किया गया है। बता दें, दिल्ली में हवा का धीरे चलना और मौसम की खराब परिस्थितियों के चलते एक्यूआई काफी ज्यादा खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। जिसके चलते ग्रैप-3 लागू करना पड़ गया है। ग्रैप-3 के तहत दिल्ली-एनसीआर में पांचवीं क्लास तक के स्कूल हाइब्रिड मोड पर ही काम होगा। दिल्ली में रजिस्टर्ड छोटी माल लाने वाली गाड़ियों पर रोक लगाई जाएगी। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े मालवाहक गाड़ियों को ही छूट मिलेगी।

ऑफिस के समय में बदलाव

इसके अलावा, बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग में बदलाव करने का फैसला भी ले सकती है।

दिल्ली का एक्यूआई

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के चलते एक्यूआई की सबसे खराब श्रेणी में भी काफी ज्यादा खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इससे दिल्लीवासियों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में भी बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या होता है एक्यूआई?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) एक नंबर होता है जिससे हवा की गुणवत्ता पता लगाई जाती है। साथ ही भविष्य में होने वाले प्रदूषण स्तर का भी पता लगाया जाता है। हर देश का एक्यूआई वहां मिलने वाले प्रदूषण कारकों के आधार पर अलग-अलग होता है। भारत में एक्यूआई को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने इसे एक संख्या, एक रंग, एक विवरण के आधार पर लॉन्च किया था। बता दें कि देश में अधिकांश लोग ऐसे हैं जो अशिक्षित है। तो उनको प्रदूषण की गंभीरता समझाने के लिए रंगों का इस्तेमाल किया गया था।

कितनी रेंज से माना जाता है खराब एक्यूआई?

जब प्रदूषण स्तर बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 के पार होने के बाद ही ग्रैप-4 लागू किया जाता है। बता दें, 0 से 50 के बीच का एक्यूआई अच्छी श्रेणी में आता है। उसके बाद 51 से 100 के बीच का एक्यूआई संतोषजनक होता है, इसके बाद 101 से 200 के बीच मध्यम श्रेणी में आता है, 201 से लेकर 300 के बीच का एक्यूआई खराब श्रेणी में आता है, 301 से 400 के बीच का एक्यूआई बहुत ही खराब श्रेणी में आता है और वहीं 401 से लेकर 500 के बीच बहुत ही गंभीर माना जाता है। बता दें, दिल्ली एनसीआर में रविवार को एक्यूआई 500 दर्ज किया गया है। जिसके बाद कई इलाकों में एक्यूआई बहुत ही गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। जिसके चलते दिल्ली में ग्रैप-4 लागू किया गया है।

कितने होते हैं ग्रैप के चरण? ग्रैप 4 चरण का होता है। जब दिल्ली में हवा 201 से 300 एक्यूआई तक होती है तो पहला चरण लागू कर दिया जाता है। अगर एक्यूआई 301 से 400 के बीच में होता है तो ग्रैप-2 लागू किया जाता है। इसके अलावा अगर एक्यूआई 401 से भी ज्यादा होता है तो तीसरा चरण लागू किया जाता है। वहीं अगर इससे भी ज्यादा हाल खराब होते हैं तो ग्रैप का चौथा चरण लागू कर दिया जाता है।

किस लेवल में कौन सा नियम लागू किया जाता है?

ग्रैप के पहले चरण में निर्माण वाले काम कम कर दिए जाते हैं। साथ ही 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के कंस्ट्रक्शन काम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। कोयला और लकड़ी जैसी चीजें नहीं जलानी हैं जिससे हवा में प्रदूषण बढ़े। इसके अलावा खुले में कचरा नहीं डालना चाहिए साथ ही मलबे को ढककर रखने का निर्देश दिया जाता है।

ग्रैप के दूसरे चरण में पाबंदियों को और ज्यादा मजबूत कर दिया जाता है। पार्किंग की फीस को बढ़ा दिया जाता है और मेट्रो को बढ़ावा दिया जाता है। साथ ही जनरेटर वगरह पर रोक लगाकर नेचुरल गैस के जनरेटर को चलाने पर जोर दिया जाता है।

ग्रैप के तीसरे चरण पर प्रदूषण फैलाने वाली बसों को शहर में आने की अनुमित पर रोक लगा दी जाती है। केवल सीएनजी, बीएस VI और इलेक्ट्रिक बस को छूट मिलती है। कंस्ट्रक्शन वर्क पर भी पाबंदी लगा दी जाती है।

ग्रैप के चौथे चरण में केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रक और इमरजेंसी सामान लाने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश होने दिया जाएगा। इसके अलावा लोगों को बिना जरूरी काम के गाड़ियों का कम से कम उपयोग होता है। साथ ही स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी जाती है और वर्क फ्रॉम होम पर जोर दिया जाता है।

Created On :   16 Dec 2024 4:13 PM IST

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