कॉलेजियम ने आंध्र चीफ जस्टिस, वरिष्ठ अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट जज के लिए की अनुशंसा

कॉलेजियम ने आंध्र चीफ जस्टिस, वरिष्ठ अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट जज के लिए की अनुशंसा
K.V. Viswanathan
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  • सुप्रीम कोर्ट के जज
  • आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कॉलेजियमने मंगलवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा की है।

कॉलेजियम ने 16 मई के एक प्रस्ताव में कहा: मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के वरिष्ठ न्यायाधीशों की योग्यता, अखंडता और क्षमता का मूल्यांकन करने के बाद कॉलेजियम न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, मुख्य न्यायाधीश, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के योग्य पाया है।

न्यायमूर्ति मिश्रा को 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था और 13 अक्टूबर 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीछ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था।

कॉलेजियम ने कहा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय की मौजूदा संरचना में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने तेरह वर्षों से अधिक समय तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है और पूरे देश में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 21 पर हैं। कॉलेजियम ने कहा कि फिलहाल बार से केवल एक सदस्य को सीधे सुप्रीम कोर्ट की बेंच में नियुक्त किया जा रहा है। उनकी राय में वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं।

इसने कहा, के.वी. विश्वनाथन की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय की संरचना में बार में प्रतिनिधित्व को बढ़ाएगी। विश्वनाथन सर्वोच्च न्यायालय के बार के एक विशिष्ट सदस्य हैं। उनका व्यापक अनुभव और गहरा ज्ञान सुप्रीम कोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्य वृद्धि प्रदान करेगा। कॉलेजियम ने कहा कि विश्वनाथन संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक कानून, दिवाला कानून और मध्यस्थता सहित विविध विषयों पर कई मामलों में पेश हुए हैं।

विश्वनाथन का जन्म 26 मई 1966 को हुआ था और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति पर वह 25 मई, 2031 तक सेवा देंगे। भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 34 जज हो सकते हैं और वर्तमान में यह संख्या 32 है। कॉलेजियम ने कहा, इस प्रकार, दो पद खाली हैं। जुलाई के दूसरे सप्ताह तक चार और रिक्तियों के साथ, न्यायाधीशों की कार्य शक्ति 28 हो जाएगी।

आईएएनएस

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Created On :   16 May 2023 6:18 PM IST

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