MUDA मामला: मुश्किल में सीएम सिद्धारमैया, अवैध संपत्ति के मामले में ED ने शुरू की जांच, लगभग 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
- सीएम सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ी
- अवैध संपत्ति के मामले में ED ने शुरू की जांच
- ED ने कई संपत्ति जब्त की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच अब ईडी ने लोकायुक्त पुलिस मैसूरु की ओर से दर्ज एफआईआर पर जांच शुरू कर दी है। जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अलग-अलग धाराओं के तहत जांच जारी है। सिद्धारमैया पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया और अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर मुआवजे के रूप में 14 प्लॉट हासिल किए। आरोप यह भी है कि ये मुआवजा तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले दिया गया था, जिसे मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने मात्र 3,24,700 रुपये में अधिग्रहित किया था। लेकिन, इन 14 प्लॉट्स की कीमत लगभग 56 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
ईडी ने बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मामले के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत 142 अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से जब्त किया है, जिनका बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये (लगभग) है।
ED, Bangalore has provisionally attached 142 immovable properties having market value of Rs. 300 Crore (approx.) registered in the name of various individuals who are working as real-estate businessmen and agents under the provisions of the PMLA, 2002, in connection with the case…
— ED (@dir_ed) January 17, 2025
किस तरह ईडी कर रही जांच
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएम पार्वती को आवंटित 14 प्लॉट्स के अलावा और कई प्लॉट्स भी MUDA की ओर से अनियमित रूप से रियल एस्टेट व्यवसायियों को मुआवजे के रूप में दिए गए। यह सारी बातें जांच के दौरान पता लगी है।
व्यवसायियों ने इन सारी प्लॉट्स को बेचकर बड़ी मात्रा में नकदी इकट्ठा किया। ईडी ने बताया कि कई प्लॉट प्रभावशाली व्यक्तियों और व्यवसायियों के बेनामी नामों पर आवंटित किए गए हैं। इन सभी काम में MUDA आयुक्त की भूमिका अहम रही है। इन अधिकारियों ने संपत्तियों, नकदी और बाकी संसाधनों के रूप में अवैध लाभ हासिल किया।
ईडी की जांच जारी
ईडी ने यह भी बताया कि इन संपत्तियों को पूर्व MUDA आयुक्त जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज किया गया। साथ ही, अवैध धनराशियों का इस्तेमाल सहकारी समितियों के माध्यम से संपत्तियां और लक्जरी वाहनों की खरीद के लिए किया गया।
ईडी ने बताया कि इस पूरे मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल कई संपत्ति जब्त की गई है। अवैध धनराशियों के बारे में भी जांच जारी है। ईडी ने कहा कि सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाकर इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले जांच शुरू होगी।
Created On :   18 Jan 2025 2:29 PM IST