संभल जामा मस्जिद सर्वे मामला: संभल में हुई हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी की आई प्रतिक्रिया, निष्पक्ष जांच की मांग की

संभल में हुई हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी की आई प्रतिक्रिया, निष्पक्ष जांच की मांग की
  • जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा
  • हिंसा में तीन लोगों की हुई मौत
  • संभल में इंटरनेट सेवा बंद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार सुबह शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई। जिसके चलते तीन लोगों की मौत हो गई। इसके बाद वहां जमा हुई भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। घटना के बारे में पता चलते ही पुलिस एक्शन में आ गई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। फिर पुलिस ने लाठीचार्ज भी की। इस पूरे मामले पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मामले की निंदा की है। साथ ही, मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

ओवैसी का बयान

सोशल मीडिया एक्स पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'तुझको कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन? जो तिरे आरिज-ए-बे-रंग को गुलनार करें। कितनी आहों से कलेजा तिरा ठंडा होगा, कितने आंसू तिरे सहराओं को गुलज़ार करें। संभल में पुर-अमन एहतिजाज करने वालों पर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से फायरिंग करने की हम कड़ी निंदा करते हैं। पुलिस की फायरिंग में तीन नौजवानों की मौत हुई है।'

ओवैसी ने आगे कहा, "अल्लाह से दुआ है के अल्लाह मरहूमीन को मगफिरत अदा करें और उनके घर वालों को सब्र ए जमील अदा करें। इस हादसे की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जो अफसर जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।"

इंटरनेट सेवाएं भी बंद

संभल में हुई हिंसा के बाद अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। संभल में हुई हिंसा को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि संभल की घटना मुसलमान के खिलाफ साजिश है। साथ ही, उन्होंने वक्फ कानून में बदलाव और मुसलमान के अधिकारों पर हो रहे हमलों की भी निंदा की है।

संभल में पथराव की घटना पर संभल SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है और अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है। इंटरनेट सेवाएं एक दिन के लिए बंद कर दी गई हैं। कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने कुछ वाहनों को आग लगा दी और पुलिस को निशाना बनाया गया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। जब डीएम और डीआईजी गश्त कर रहे थे, तो दो महिलाओं ने उन पर पथराव किया और देसी कट्टे से फायरिंग की गई और एक पीआरओ के पैर में गोली लग गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके खिलाफ एनएसए के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और 20-22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल चेक किए जा रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि कोई साजिश थी या नहीं।"

Created On :   24 Nov 2024 9:04 PM IST

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