Mother's Day: मां जो हर काम को प्रॉपर बैलेंस करती है, ऐसे बना उनके लिए यह दिन खास

Mother's Day: मां जो हर काम को प्रॉपर बैलेंस करती है, ऐसे बना उनके लिए यह दिन खास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मॉ... सिर्फ एक शब्द नहीं है, पूरी दुनिया है, जिसके बिना हर बच्चे की दुनिया अधूरी है। मां पास होती है तो खुशियां साथ होती हैं। मां दूर होती है तो पूरी दुनिया अधूरी सी लगती है। मां के इसी प्यार, त्याग और समर्पण को ध्यान में रखते हुए हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार मदर्स डे 12 मई को मनाया जा रहा है। वैसे तो मदर्स डे मनाने का कोई दिन नहीं होता, लेकिन यह दिन बहुत खास है। इस दिन हम अपनी फीलिंग्स को मां के साथ शेयर कर सकते हैं। उन्हें स्पेशल फील करवा सकते हैं कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं। आजकल की बिजी लाइफ स्टाइल में हम मां को ज्यादा समय नहीं दे पाते। ऐसे में यह दिन है अपनी मां के साथ वक्त बिताने का। 

अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस ज्यादातर देशों में मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, लेकिन कई देशों में अलग अलग डेट पर भी मनाया जाता है। इतने खास दिन को मनाने कि शुरुआत कैसे हुई आइए जानते हैं। 

सबसे पहले अमेरिका में मनाया गया मदर्स डे
मदर्स डे को लेकर कई सारी मान्यताएं है। कुछ लोगों का मानना है कि इस खूबसूरत दिन की शुरुआत अमेरिका में हुई थी। वहां रहने वाली एना नाम की महिला ने इस दिन की शुरुआत की थी। वह अपनी मां से बहुत प्यार करती थी। इतना प्यार कि अपनी मां की सेवा के लिए उसने शादी तक नहीं की। जब उनकी मां का निधन हुआ, तो उन्होंने अपनी मां को सम्मान देने के लिए इस दिन की शुरुआत की। वहीं ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को वर्जिन मेरी का दिन मानते हैं। यूरोप और ब्रिटेन में मदरिंग संडे भी मनाया जाता है।

ऐसा भी माना जाता है कि मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस में हुई थी। ग्रीस के लोग अपनी मां से बहुत प्यार करते थे। अपनी मां के सम्मान के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की थी। वे इस दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यताओं के अनुसार, स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर लोग उनकी पूजा करते थे।

ये है इस बार मदर्स डे की थीम
हर साल मदर्स डे को मनाने के लिए किसी थीम का अयोजन किया जाता है। इस बार मदर्स डे की थीम है "बैलेंस फॉर बेटर" (#balanceforbetter)। इस थीम का मुख्य उद्देश्य विश्व में जेंडर बैलेंस यानी लिंग संतुलन बनाए रखना है। सभी की जिंदगी में मां का बहुत योगदान रहता है, जिसे तौला नहीं जा सकता। एक मां ही है, जो आफिस और घर दोनों जगह आसानी से संतुलन बना सकती है। वह कभी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ती है। मां के इसी डेडीकेशन को देखते हुए इस थीम को चुना गया है। 

ऐसे बनाएं इस दिन को खास
अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन 9 मई 1914 को एक कानून पास किया था। इस कानून में लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। इसी के बाद से भारत समेत कई देशों में ये खास दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा। इस मदर्स डे अपने मां के साथ ​कुछ खुशी के पल बिताएं। वह काम करें, जो आपकी मां को अच्छा लगता है। उन्हें एक कीमती तोहफा उपहार दें और ढेर सारा वक्त गुजारें। 

Created On :   11 May 2019 4:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story