Sunita Williams: नौ महीने बाद धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स, जानें इतने लंबे समय बाद किन परेशानियों का करना पड़ता है सामना!

  • नौ महीने से रह रही हैं स्पेस स्टेशन में सुनीता
  • एलन मस्क का स्पेसक्राफ्ट हुआ लेने के लिए रवाना
  • बिना ग्रैविटी के रहने में होती हैं ये परेशानियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुनिता विलियम्स और बुच विल्मोर 10 दिन के मिशन के लिए अंतरिक्ष में गए थे। लेकिन तकनीकी परेशानी के चलते उनको 10 दिन की जगह नौ महीनों तक स्पेस स्टेशन में ही रुकना पड़ा है। अब मस्क स्पेसक्राफ्ट को सुनीता और बुच को वापस लाने के लिए रवाना कर दिया गया है। बताया जा रहा है को सुनीता 19 मार्च को धरती पर वापसी करेंगी। बता दें, जब भी कोई एस्ट्रोनॉट धरती पर वापस आता है तो उसकी बॉडी में भी कई सारे बदलाव होते हैं। साथ ही कई तरह की मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है।

कई बार तो ऐसा भी होता है कि अंतरिक्ष से आने के बाद एस्ट्रोनॉट्स कई समय तक चल भी नहीं पाते हैं। उनके साथी ही उनको उठा कर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं। अंतरिक्ष में काफी ज्यादा लंबे समय तक रहने पर अंतरिक्ष के यात्रियों में मस्कुलर वीकनेस भी आने लगती है। इसके अलावा भी कई सारी परेशानियों का सामने करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि वापस आने के बाद सुनीता को किन परेशानियों से गुजरना होगा।

स्पेस में जाने के बाद किन परेशानियों का करना पड़ता है सामना?

हड्डियां होती हैं कमजोर

स्पेस में ग्रैविटी नहीं होती है इसलिए एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। ज्यादा लंबे समय तक अंतरिक्ष में समय बितना से हड्डियां बहुत ही ज्यादा कमजोर हो सकती हैं। इसलिए आने के बाद हड्डियां बहुत ही ज्यादा कमजोर महसूस हो सकती हैं।

नजर होती है कमजोर

ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहने से स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो ऑक्यूलर सिंड्रोम का भी सामना करना पड़ सकता है। इस सिंड्रोम में आंखों की नसों पर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है और नजर भी कमजोर हो सकती है। साथ ही स्पेस में रोने पर भी आंसू जमीन पर नहीं गिरता है इसलिए इससे आंखे खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।

रेडिएशन से परेशानी

अंतरिक्ष में हाई लेवल के रेडिएशन का सामना करना पड़ सकता है। फ्यूचर में उनमें कैंसर के अलावा अन्य स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं बल्कि कोशिकाओं और डीएनए में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

स्पेस सिकनेस

अंतरिक्ष में ज्यादा समय तक रहने पर स्पेस सिकनेस की परेशानी भी हो सकती है। जिसमें, सिरदर्द के साथ-साथ घबराहट और उल्टी होती है। इसके अलावा खड़े होने पर चक्कर भी आते हैं।

रेड ब्लड सेल्स

जानकारी के मुताबिक, अंतरिक्ष में रहने के समय एस्ट्रोनॉट्स की बॉडी के 50 प्रतिशत तक रेड ब्लड सेल्स खत्म हो जाते हैं। मिशन के जारी रहने तक ऐसा ही होता रहता है।

ठीक होने में कितना लगता है समय?

अंतरिक्ष में ग्रैविटी ना होने की वजह से उड़ते रहते हैं। इसलिए स्पेस में ज्यादा लंबे समय तक रहने पर आंख, पैर हाथ में कोऑर्डिनेशन बनाए रखने में भी परेशानी आती है। धरती पर लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट को नॉर्मल होने में 45 दिन से लेकर कई अन्य महीनों का भी समय लग सकता है।

Created On :   17 March 2025 5:54 PM IST

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