चीन की चालाकी: धर्म की आड़ में ताइवानी सेना में घुसपैठ कर रहा ड्रैगन

- ताइवान ने मार्च में झेले 82 साइबर हमले
- साइबर हमले में ठप हो गई थीं कई सेवाएं
- चीन से जुड़े ताइवान के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धर्म की आड़ में ड्रैगन ताइवानी सेना में घुसपैठ कर रहा है। चीन धार्मिक संगठनों का सहारा लेकर स्थानीय अपराधी गिरोहों, अवैध कर्ज देने वालों व नागरिक समूहों का भी इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे लोगों को बढ़ावा भी दे रहा है।
ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार , ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बीते दिन ये बात कही। चीनी जासूसी पर तय सुनवाई से पहले सांसदों के लिए तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के साथ गठबंधन करने वाले ताइवानी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी अक्सर सशस्त्र बलों के सक्रिय सदस्यों तक पहुंचने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
समाचारों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन से जुड़े ताइवान के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी सक्रिय सैनिकों को ब्लैकमेल, ऑनलाइन मैसेजिंग, रिश्वत और कर्ज माफियाओं के दबाव जैसे हथकंडों से सैनिकों को फंसाने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने के पीछे चीन का मकसद ताइवान की सैन्य जानकारी जुटाना और वहां एक जासूसी नेटवर्क बनाना है जिससे उसकी रक्षा क्षमता को कमजोर किया जा सके। हालांकि, ताइवान की जासूसी-रोधी कोशिशें असरदार साबित हो रही हैं। पकड़े गए 87.5 फीसदी चीनी जासूसों की जानकारी खुद उसके सैनिकों ने दी। एमएनडी, राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो और न्याय मंत्रालय के साथ मिलकर जासूसी मामलों की जांच और गोपनीय जानकारी की सुरक्षा के लिए खास व्यवस्था कर रहा है।
ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट के अनुसार बीते मार्च महीने में ताइवान पर 82 साइबर हमले हुए। ये बीते साल के मुकाबले थोड़े कम हैं। इन हमलों से देश की स्थानीय प्रशासन, कर विभाग, न्याय प्रणाली, सामाजिक सेवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। हमलावरों ने प्रॉक्सी सिस्टम का इस्तेमाल किया। इससे उनकी पहचान नहीं हो सकी, लेकिन कोई स्थायी नुकसान नहीं हुआ और ज्यादातर सिस्टम जल्दी बहाल हो गए।
Created On :   21 April 2025 9:45 AM IST