साउथ कोरिया की संसद में जबरदस्त हंगामा: महाभियोग प्रस्ताव लाने के दौरान सांसदों ने एक दूसरे के कॉलर पकड़े, दो हफ्ते में बने 3 राष्ट्रपति
- साउथ कोरिया की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ चला महाभियोग प्रस्ताव
- कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू को पद से हटाया गया
- पक्ष में पड़े 191 वोट, 151 की थी जरुरत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साउथ कोरिया की संसद उस समय जंग का मैदान बन गई जब कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव संसद में लाया गया। इस दौरान संसद में काफी हंगामा हुआ, संसदों ने एक दूसरे के कॉलर तक पकड़ लिए। दरअसल, कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा क्योंकि सत्ताधारी पार्टी ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया।
इस तरह प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया। उन्हें पद से हटाने के पक्ष में 192 वोट पड़े, जबकि जरुरत केवल 151 वोटों की थी। अब उनकी जगह वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति होंगे। चोई सांग ने ही 3 दिसंबर को मार्शल लॉ (इमरजेंसी) लगाने का विरोध किया था। उन्होंने मार्शल लॉ को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक बताया था।
दो हफ्ते में बने तीन राष्ट्रपति
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने तीन दिसंबर को देश में इमरजेंसी लगा दी थी। जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया था। उनके विरोध के चलते देश में इमरजेंसी केवल 6 घंटे के ही लिए लग पाई थी। इसके बाद विपक्षी पार्टी ने संसद में वोटिंग के जरिए मार्शल लॉ प्रस्ताव को अवैध घोषित कर दिया था।
महाभियोग चलाकर यून सुक योल को हटाया
इसके बाद विपक्षी दलों ने संसद में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया गया था। 14 दिसंबर को हान डक सू को देश के कार्यवाहक पीएम बने थे, लेकिन वो भी केवल 13 दिन ही इस पद पर रह पाए। 27 दिसंबर को उन्हें भी महाभियोग चलाकर पद से हटवा दिया।
इस वजह से संसद में हुआ हंगामा
साउथ कोरिया की संसद में वोटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ। दरअसल स्पीकर ने कहा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाने के लिए 50% सांसदों के वोटों की जरुरत होगी। इस तरह उन्हें पदच्युत करने के लिए केवलत 151 सांसदों के वोटों की जरुरत थी। संसद में विपक्षी पार्टियों के पास 192 सीटें हैं। ऐसे में कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाना आसान हो गया।
वहीं, सत्ताधारी पार्टी जिनके पास केवल 108 सीटें हैं, उन्होंने इसका विरोध किया। इससे पहले राष्ट्रपति यून को हटाने के लिए 200 सीटों की जरूरत पड़ी थी। महाभियोग के सफल होने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति हान ने कहा कि वह संसद के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे।
Created On :   28 Dec 2024 12:14 AM IST