जानिए, इस साल अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को कोरोना ने कैसे किया प्रभावित, 2020 के मुकाबले स्थिति सुधरी या बिगड़ी?
- अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में 13% की गिरावट
- साल 2021 में डेल्टा वेरिएंट ने जमकर मचाई तबाही
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए स्कूलों का खुलना जरुरी है। लेकिन, कोरोना की वजह से ये संभव नहीं हो पा रहा है। कई स्टूडेंट हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने का सपना देखते है। हालांकि कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से बच्चों का ये सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। आज हम आपको बताएंगे कि, क्या साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा हासिल करने वाले लोगों का सपना पूरा हुआ या फिर नहीं।
भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी साल 2021 काफी भयानक साबित हुआ। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने जमकर तबाही मचाई। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा कई अलग-अलग तरीके से प्रभावित हुई। चाहे वो यात्रा प्रतिबंध हो, चाहे स्कूल और यूनिवर्सिटी बंद या फिर नीतिगत बदलाव। ऐसी अनेक कारणों की वजह से स्टूडेंट्स अंतरराष्ट्रीय शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश नहीं जा पाए।
2021 में भारतीय छात्रों का हाल
AdmitKard के को-फाउंडर और सीईओ पीयूष भारतीय कहते है कि,"साल 2020 में कोरोना ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा पर गहरा असर डाला और बच्चों के सपनों को चकनाचूर कर दिया। लेकिन, 2021 में थोड़ा सुधार देखा गया है। कुछ लोगों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की तरफ झुकाव देखा गया है।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में 13% की गिरावट
कुछ समय पहले ही ‘ओपन डोर्स 2021’ की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें इस बात का पता लगा कि, अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या पिछले शैक्षणिक साल की तुलना में 13% कम हुई है। बता दें कि, चीन के बाद सबसे ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते है। लेकिन, कोरोना वायरस की वजह से इन छात्रों में कमी देखी गई है।
संख्या में कमी लेकिन, वीजा में बढ़ोत्तरी
नवंबर,2021 में नई दिल्ली के अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक रिपोर्ट जारी की और बताया कि, इस साल की गर्मी में कुल 62 हजार छात्र वीजा जारी किए गए है। ये आंकड़े साल 2020 के मुकाबले कहीं ज्यादा है। हालांकि पिछले साल की तुलना में काफी कम छात्र भारत से अमेरिका गए। रिपोर्टो से मिली जानकारी के मुताबिक एक बात तो साफ है कि, भले ही छात्र अमेरिका जाने से परहेज कर रहे हो। लेकिन, वीजा की संख्या इस बात का दावा करती है कि, आज भी अमेरिका छात्रों की पहली पसंद है।
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
- बहुत से बच्चों के पास ऑफलाइन पढ़ाई के लिए जरुरी साधन नहीं थे।
- मई 2021 तक, 26 देशों में स्कूल पूरी तरह से बंद थे और 55 देशों में स्कूल केवल आंशिक रूप से बंद थे।
- ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिसर्च में देखा कि, कई सरकारों के पास ऑनलाइन शिक्षा शुरू करने के लिए ऐसी नीतियां, संसाधन या बुनियादी ढांचा नहीं थे जिससे कि सभी बच्चे समान रूप से शिक्षा हासिल कर सकें।
- यूनेस्को के अनुसार, दुनिया भर में स्कूल जाने वाले करीब 90 फीसदी बच्चों की शिक्षा महामारी में बाधित हुई है।
- ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, लाखों छात्रों ने महामारी के दौरान काम करना शुरू कर दिया है, कई ने शादी कर ली है और माता-पिता बन गए है।
- ऐसे छात्रों का शिक्षा से मोहभंग हो गया है, उन्होंने ये मान लिया है कि, वो फिर से पढ़ाई शुरू नहीं कर पाएंगे या उम्र अधिक हो जाने के कारण अपने देश के कानूनों के तहत सुनिश्चित मुफ्त या अनिवार्य शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
- संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के प्रसार से पहले ही पांच में से एक बच्चा स्कूल से बाहर था।
Created On :   23 Dec 2021 12:49 PM IST