काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- इस्लामी कानून की 'सीमा के भीतर' महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे
- अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की कामना
- अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस
- इस्लामी कानून की 'सीमा के भीतर' महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का वादा
डिजिटल डेस्क, काबुल। काबुल पर कब्जे के बाद अपनी पहली आधिकारिक प्रेस वार्ता में, तालिबान ने इस्लामी कानून की "सीमा के भीतर" महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया। काबुल में प्रेसिडेंशियल पैलेस के अंदर से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा "इस्लामी कानून की सीमाओं के भीतर" की जाएगी।
महिलाओं को लेकर क्या बोला तालिबान?
मुजाहिद ने कहा, "महिलाएं समाज में बहुत सक्रिय होने जा रही हैं, लेकिन इस्लाम के ढांचे के भीतर।" प्रवक्ता ने कहा कि "हेल्थ सेक्टर और स्कूलों में वे काम कर सकेंगी।" क्या मीडिया में भी महिलाएं काम कर सकेंगी? इस सवाल पर प्रवक्ता ने घुमा-फिराकर जवाब दिया। वह बोले कि "जब तालिबान सरकार बन जाएगी तब साफ-साफ बताया जाएगा कि शरिया कानून के हिसाब से क्या-क्या छूट मिलेंगी।"
अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की कामना
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की कामना करते हैं। वो कोई भी आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते। प्रवक्ता ने कहा, "हम अपने पड़ोसी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनके खिलाफ हमारी भूमि का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी हमें पहचानना चाहिए।" जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, "काबुल में दूतावासों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे बल सभी दूतावासों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहायता एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं।"
तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले को माफी
मुजाहिद ने कहा, "हम अफगानिस्तान के अंदर या बाहर किसी दुश्मन की तलाश नहीं कर रहे हैं। अफगान युद्ध अब खत्म हो गया है। जिसने भी बीते वक्त में तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ा, उसको तालिबान माफ करता है।" प्रवक्ता ने आगे कहा- "हमारा किसी भी देश-व्यक्ति से बदला लेने का इरादा नहीं है। इसमें पूर्व सैनिक, पूर्व अफगान सरकार के सदस्य भी शामिल हैं।" प्रवक्ता ने ये भी कहा कि "पिछली सरकार (गनी की सरकार) किसी योग्य नहीं थी और किसी को सुरक्षित नहीं रख सकती थी। तालिबान सबको सुरक्षा देगा।"
पुराने और नए तालिबान में क्या अंतर?
1990 के तालिबान और वर्तमान तालिबान के बीच फर्क के बारे में एक सवाल के जवाब में, मुजाहिद ने कहा कि "विचारधारा और विश्वास समान हैं क्योंकि वे मुस्लिम हैं, लेकिन अनुभव के संदर्भ में बदलाव है। प्रवक्ता ने कहा कि अब तालिबान अधिक अनुभवी हैं और दृष्टिकोण भी अलग है।" मुजाहिद ने यह भी कहा कि तालिबान चाहता है कि प्राइवेट मीडिया "स्वतंत्र रहे", लेकिन जोर देकर कहा कि पत्रकारों को राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए।"
Created On :   17 Aug 2021 11:12 PM IST