अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कठोर नीतियों को लेकर लोगों में गुस्सा, सड़कों पर उतरें हजारों प्रदर्शनकारी

एपी
- कानून के शासन पर हमला कर रहा ट्रंप प्रशासन
- हम बहुत बड़े खतरे में हैं प्रदर्शनकारी
- पब्लिक हेल्थ फंड में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कठोर नीतियों को लेकर हजारों की तादाद में अमेरिकी लोग निकलकर सड़कों पर आ गए है। न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और अमेरिका के सैकड़ों शहरों में प्रदर्शन हो रहा है। शनिवार को ट्रंप के खिलाफ दूसरा बड़ा प्रदर्शन किया। न्यूज एजेंसी एएफपी ने इसकी जानकारी दी।
50501 नामक ग्रुप, जिसका मतलब है 50 राज्यों में 50 प्रदर्शन और एक आंदोलन, ने बताया कि देशभर में लगभग 400 प्रदर्शनों की प्लानिंग थी। इससे पहले 5 अप्रैल को भी ट्रंप के खिलाफ Hands Off प्रदर्शन हुआ। सैन फ्रांसिस्को के समुद्र तट पर सैकड़ों लोगों ने रेत पर 'IMPEACH + REMOVE' (महाभियोग और हटाओ) लिखा, कुछ प्रदर्शनकारियों ने उल्टा अमेरिकी झंडा भी लहराया, जो संकट का पारंपरिक प्रतीक माना जाता है।
इमेज-एपी
एक भारतीय निजी न्यूज चैनल आज तक से मिली जानकारी के अनुसार न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने शहर की मुख्य लाइब्रेरी के बाहर एकत्रित होकर No Kings in America (अमेरिका में कोई राजा नहीं) और Resist Tyranny (तानाशाही का विरोध करो) जैसे नारों वाले पोस्टर और बैनर दिखाई दिए।
वॉशिंगटन डी.सी. में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर संवैधानिक सिद्धांतों, खासकर न्याय की प्रक्रिया (Due Process) के अधिकार, को कमजोर करने का आरोप लगाया। न्यूयॉर्क की एक अन्य प्रदर्शनकारी ने ट्रंप को हिटलर कहा। 73 वर्ष कैथी वैली जो होलोकॉस्ट से बचे लोगों की बेटी हैं, ने कहा, हम बहुत बड़े खतरे में हैं। उन्होंने कहा मेरे माता-पिता ने हिटलर के उदय की जो कहानियां सुनाईं, वो आज ट्रंप के दौर से मेल खा रही हैं। फर्क बस इतना है कि ट्रंप, हिटलर या अन्य फासिस्ट नेताओं की तुलना में ज्यादा मूर्ख हैं।
इमेज -एपी
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने ट्रंप प्रशासन द्वारा साइंस और पब्लिक हेल्थ फंडिंग में कटौती पर चिंता जताते हुए कहा ट्रंप प्रशासन पर विज्ञान को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। टेक्सास में लोगों का कहना है कि बहुत कुछ खो दिया, अब चुप नहीं रहा जा सकता।
इन प्रदर्शनों में अधिकतर गुस्सा ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ था। लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे- No ICE, no fear, immigrants are welcome here' (ना ICE, ना डर, प्रवासियों का यहां स्वागत है)। यह नारा अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ICE यानी Immigration and Customs Enforcement के विरोध में था, जो अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेता है।
Created On :   20 April 2025 11:13 AM IST