यूनिसेफ के अधिकारी ने अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को लेकर चेताया

UNICEF official warns about deteriorating situation in Afghanistan
यूनिसेफ के अधिकारी ने अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को लेकर चेताया
संयुक्त राष्ट्र यूनिसेफ के अधिकारी ने अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को लेकर चेताया

 डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। अफगान नागरिकों की पहले से ही विकट स्थिति और खराब होगी और आने वाले महीनों में बच्चों और महिलाओं की मानवीय जरूरतें बढ़ेंगी। यूनिसेफ के एक अधिकारी ने यह बात कही है। यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, स्थिति गंभीर है और यह केवल बदतर होगी।

उन्होंने आगे कहा कि एक गंभीर सूखे और इसके परिणामस्वरूप होने वाली पानी की कमी, अनिश्चित सुरक्षा वातावरण, निरंतर विस्थापन, कोविड-19 महामारी के विनाशकारी सामाजिक-आर्थिक परिणाम के साथ ही सर्दियों की शुरूआत के बीच मानवीय जरूरतों में वृद्धि होगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आब्दी ने कहा, अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण से पहले, देश भर में कम से कम एक करोड़ बच्चों को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता थी और इनमें से कम से कम 10 लाख बच्चों को तत्काल उपचार के बिना गंभीर तीव्र कुपोषण के कारण मरने का खतरा है।

आब्दी ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली और सामाजिक सेवाएं चरमराने के कगार पर हैं, क्योंकि चिकित्सा आपूर्ति खतरनाक रूप से कम स्तर पर काम कर रही है और खसरा और तीव्र दस्त के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, आर्थिक व्यवस्था भी चरमराने के कगार पर है। कई शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को कम से कम दो महीने से भुगतान नहीं किया गया है और फिर भी वे काम करना जारी रखे हुए हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि पिछले दो दशकों के शिक्षा लाभ को मजबूत किया जाना चाहिए, पीछे नहीं हटना चाहिए। स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या 2001 में 10 लाख से बढ़कर वर्तमान में 40 लाख लड़कियों सहित लगभग एक करोड़ बच्चों तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान स्कूलों की संख्या तीन गुना, 6,000 से 18,000 हो गई है। इस प्रगति के बावजूद, 42 लाख बच्चे स्कूल से बाहर हैं, जिनमें 26 लाख लड़कियां शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा कि यूनिसेफ, संयुक्त राष्ट्र और मानवीय साझेदार अफगानिस्तान में उन लाखों महिलाओं, पुरुषों और बच्चों का समर्थन करने के लिए वित्तीय कमी, सैन्य चुनौतियों और एक तेजी से जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को दूर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जो मानवीय सहायता और सुरक्षा पर निर्भर हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   16 Oct 2021 5:30 PM IST

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