तीसरे विश्व युद्ध का संकट टला! पोलैंड पर मिसाइल हमले के बाद नाटो का जवाब- हमले में रूस का हाथ नहीं
- रूस की गलती नहीं
डिजिटल डेस्क, ब्रुसेल्स। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 9 महीनों से भीषण युद्ध जारी है। दोनों देशों के बीच जंग यहां तक पहुंच चुका था कि लोगों के दिमाग में तीसरा विश्व युद्ध की अशंका गहरा रही थी। हाल ही में पोलैंड पर गिरे मिसाइल से दो लोगों की मौत हो गई हैं। ऐसी आशंका जताई जाने लगी थी कि अगर यह मिसाइल रूस का निकला तो तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। लेकिन पोलैंड और नाटो संगठन की ओर से जारी बयानों से तत्काल तीसरा विश्व युद्ध का खतरा टल गया है। हालांकि, इससे पहले पोलैंड ने कहा था कि एक रूसी मिसाइल देश के पूर्वी हिस्से में गिरी, जिससे दो लोगों की मौत हो गई।
जिससे नाटो के सदस्य देश सतर्क हो गए थे। लेकिन बाद में पोलिश सरकार नें खुद बयान जारी कर कहा कि मिसाइस रूस की नहीं थी। पोलैंड के राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि इस बात के कोई पहचान नहीं हैं कि पोलैंड में मिसाइल विस्फोट जानबूझकर किया गया। यह एक हमला था, जो एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना था।
राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने कहा कि यह यूक्रेनी मिसाइल हो सकती है जो पोलैंड में गिर गई थी। लेकिन उन्होंने कहा कि घटना की जिम्मेदारी रूस की है जिसने मंगलवार को यूक्रेन पर कई मिसाइल हमले किए थे। वहीं नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग का कहना है कि यूक्रेन से साथ लगी पोलैंड सीमा में मिसाइल विस्फोट शायद रूस द्वारा किया गया हमला नहीं था। बुधवार को उन्होंने कहा कि यह संभावना है कि यूक्रेन की वायु रक्षा मिसाइल भटक गई थी।
स्टोल्टेनबर्ग ने नाटो के राजदूतों के साथ आपातकालीन वार्ता पर संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में जांच चल रही है और हमें उसके नतीजों का इंतजार करने की जरूरत है। लेकिन हमारे पास कोई संकेत नहीं है कि यह जानबूझकर किए गए एक हमले का परिणाम था। उन्होंने रूस को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यह घटना यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की वजह से हुई। आगे बात करते हुए बताया कि यूक्रेन की गलती नहीं है, रूस की अंतिम जिम्मेदारी है।
जर्मनी के रक्षा मंत्रालय ने घटना पर दिया बयान
इस घटना पर जर्मन रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वह पोलैंड को अपने वायु मार्ग में देखरेख के लिए मदद की पेशकश करेगा। बुधवार को प्रवक्ता क्रिच्श्रियन थिएल्स ने कहा, ""गश्त जर्मन वायु सेना के ठिकानों से होगी हम इस साल की शुरुआत में जुलाई तक पहले ही ऐसा कर चुके हैं, इसे आजमाया और परखा गया है।"" आगे कहा कि जर्मन रक्षा मंत्री प्रस्ताव के बारे में अपने पोलिश समकक्ष से बात करेंगी। फिर उन्होंने कहा, ""यह कल ही किया जा सकता है, अगर पोलैंड चाहे तो।""
फ्रांस के राष्ट्रपति ने दिए सावधान रहने की सलाह
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पोलैंड में मिसाइल के गिरने की घटना से सावधान होने का आग्रह किया है। फ्रांस के नेता ने पोलैंड में गिरे मिसाइल के संबंध में कहा कि जांच चल रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से साझा किए गए प्रारंभिक कार्य हैं, लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए।
पोलैंड की वजह से खतरा टला
नाटो के किसी भी सदस्य देश पर अगर हमला होता तो यह बड़े युद्ध का सूचक हो सकता था। अगर नाटो के सदस्य देश इसमें भाग लेते तो रूस और यूरोप के पश्चिमी देशों के बीच अस्तित्व को लेकर जंग शुरू हो सकती है। नाटो संधि के अनुच्छेद 5 में साफतौर पर कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला सभी के खिलाफ हमला माना जाएगा। अमेरिका मे 2001 में 11 सितंबर को हुए घटना के बाद अनुच्छेद 5 लागू किया गया था।
कुछ ऐसा पोलैंड के साथ भी होता, अगर पोलैंड इस बात को नाटो के सामने रखता कि मिसाइल हमला रूस की तरफ से किया गया है फिर मामला तूल पकड़ सकता था। पोलैंड हमले की जानकारी देने के लिए तत्काल बैठक कर कर्रवाई के लिए अनुरोध कर सकता है। नाटो के सदस्य देश होने के कारण अनुच्छेद 5 के अनुसार जवाब देने पर जोर दे सकता है। हालांकि पोलैंड के जवाब के बाद से तीसरे विश्व युद्ध की आहट नहीं दिख रही है।
Created On :   16 Nov 2022 6:14 PM GMT