चांदी लेकर लौटी चानू, एयरपोर्ट पर गूंजे भारत माता की जय के नारे

The color of Mirabai Chanus medal may change, this is the reason for increasing the hope of getting the gold medal
चांदी लेकर लौटी चानू, एयरपोर्ट पर गूंजे भारत माता की जय के नारे
चांदी लेकर लौटी चानू, एयरपोर्ट पर गूंजे भारत माता की जय के नारे
हाईलाइट
  • चानू को मिलेगा सोना!
  • डोपिंग में उलझ सकती है चीनी वेटलिफ्टर!

डिजिटल डेस्क, टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में भारत के नाम पहला मेडल जीतने वाली मीरा बाई चानू भारत लौट आई हैं। जिस वक्त वो एयरपोर्ट पर आईं उस वक्त पूरा देश उनके स्वागत में जुटा नजर आया। चानू के आते ही भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे। 

टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली मीरा बाई चानू के मेडल का रंग बदल सकता है। हो सकता है सिल्वर मेडल की जगह वो गोल्ड मेडल की हकदार बन जाएं। ऐसी संभावनाएं इसलिए जताई जा रही हैं क्योंकि चीनी एथलीट के पहले डोप टेस्ट की रिपोर्ट संदिग्ध नजर आ रही है।
वेटलिफ्टिंग में चीनी एथलीट होउ जिहूई ने गोल्ड मेडल जीता था। दरअसल उनका डोप टेस्ट किया जा रहा है। जिसके सैंपल ए में एंटी डोपिंग एजेंसी को संदेह है। जिसके बाद उन्हें सैंपल बी टेस्टिंग के लिए रोक लिया गया है। वो सोमवार को अपने देश वापस लौटने वाली थीं। पर उन्हें वहीं रूकने के निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दें ओलंपिक्स के इतिहास में इस तरह डोप टेस्ट करना नई बात नहीं है। ऐसा पहले भी हो चुका है। डोप टेस्ट में फेल हुए खिलाड़ियों का पदक छीन कर दूसरे नंबर या बाद वाले नंबर के खिलाड़ी को दे दिया जाता है। अगर जिहूई डोप टेस्ट में फेल होती हैं तो उनका गोल्ड मेडल चानू के नाम हो जाएगा।
फिलहाल IOC यानि कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। अगर बी सैंपल भी पॉजिटिव आता है तो IOC और इस बार ओलंपिक का आयोजन कर रही टोक्यो आयोजन समिति इसकी घोषणा करेगी।
याद दिला दें, टोक्यो ओलंपिक में भारत के नाम पहला मेडल लाने का श्रेय मीरा बाई चानू को ही जाता है। जिन्होंने 49 किग्रा वेट केटेगरी में 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर मेडल जीता। 210 किलो वजन उठा कर चीन की जिहूई उनसे आगे रहीं। इस प्रतियोगिता में इंडोनेशिया की कैंटिका विंडी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
बताया जा रहा है कि फिलहाल ओलंपिक के लिए पहुंचे 5 हजार एथलीटों का रेंडम डोपिंग टेस्ट जारी है। दरअसल ये एक रूटिन प्रक्रिया है। जो तकरीबन हर ओलंपिक में अपनाई जाती है। 
 

Created On :   26 July 2021 3:08 PM IST

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