अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निकी हेली के बयान से बढ़ेंगी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मुश्किलें, कहा हम किसी के लिए एटीएम नहीं
- अमेरिकी टैक्सपेयर्स को यह जानने का आधिकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल की निकी हेली ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिससे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की परेशानी और भी बढ़ सकती है। निकी हेली ने कहा कि यदि वह अमेरिकी राष्ट्रपति बनती हैं तो पाकिस्तान और इराक जैसे देशों को अमेरिका की ओर से मिल रहे लाखों डॉलर की फंडिंग पर रोक लगा देंगी। संयुक्त राष्ट्र में राजदूत रह चुकी हेली ने कहा कि सशक्त अमेरिका दुनियाभर के देशों के लिए एटीएम नहीं बनेगा। निकी हेली ने ट्विटर के माध्यम से कहा, 'एक कमजोर अमेरिका ही बुरे लोगों को आर्थिक मदद पहुंचता है, बीते साल अमेरिका ने पाकिस्तान, इराक और जिम्बाब्वे जैसे देशों पर लाखों डॉलर उड़ाए हैं। एक मजबूत अमेरिका दुनिया के लिए एटीएम नहीं होगा'
निकी हेली ने एक और ट्वीट में कहा कि, अमेरिका दुनिया का एटीएम नहीं बन सकता। राष्ट्रपति के रूप में हम यह तय करेंगे कि हमारी विदेश नीति मजबूत हो। हमारी योजनाएं हमारे दुश्मनों के लिए रकम ट्रांसफर करने वाली नहीं होगी' अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क पोस्ट में लिखे एक लेख में निकी हेली कहती हैं कि 'जो देश अमेरिका से नफरत करते हैं, वह उन देशों से एक-एक पाई काटेंगी। उन्होंने कहा कि एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को आर्थिक मदद नहीं दे सकता। वह अमेरिकी लोगों की खून-पसीने की मेहनत से कमाए हुए पैसे को इस तरह के लोगों पर बर्बाद नहीं कर सकती है। हेली ने आगे कहा कि हमारे लिए वह नेता अच्छे हैं, जो दुश्मनों के खिलाफ और हमारे दोस्तों के साथ खड़े हों।'
अमेरिकी टैक्सपेयर्स को यह जानने का आधिकार
साउथ कैरोलिना की पहली महिला गवर्नर निकी हेली ने जो बाइडेन पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले साल अमेरिका ने 46 अरब डॉलर की रकम विदेशी मदद में खर्च कर दी। यह रकम इराक और पाकिस्तान जैसे देशों को दी गई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैक्सपेयर्स को यह जानने का आधिकार है कि उनकी मेहनत की कमाई कहां जा रही है और कहां खर्च की जा रही है। हेली ने बताया कि उन्हें बाइडेन प्रशासन की और से जानकारी मिली है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर मदद देना शुरू कर दिया है, जबकि वहां आज भी आतंकवादी सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैं अमेरिका की राजदूत के तौर पर नियुक्त थी तब मैंने डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का समर्थन किया था, जिसके बाद पाकिस्तान को मिलने वाली 2 अरब डॉलर की सैन्य मदद रोकी गई। डोनाल्ड ट्रंप सरकार की और से यह फैसला इसलिए भी लिया गया था क्योंकि पाकिस्तान ने उस वक्त भी आंतकी संगठनों को पनाह दिए हुए थे, जो अमेरिकी सैनिकों की मौत की वजह बने।
Created On :   1 March 2023 4:42 PM IST