PAk: 'औरतों के गलत कामों और छोटे कपड़े पहनने की वजह से फैला कोरोना वायरस'
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। कोरोना वायरस महिलाओं के गलत कामों का नतीजा है। औरतों के छोटे कपड़े पहनने के चलते देश में कोरोना जैसा खतरा आया है। नग्नता और अश्लीलता से अल्लाह की नाराजगी बढ़ी और दुनिया कोरोना वायरस के रूप में अल्लाह की नाराजगी का सामना कर रही है। पूरी दुनिया में लोग औरतों के गलत कामों की सजा भुगत रहे हैं। ये कहना है पाकिस्तान के कट्टरपंथी मौलाना तारीक जमील का।
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पीएम इमरान खान की मौजूदगी में बोले मौलाना
दरअसल जब दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर झेल रहे हैं, ऐसे समय में पाकिस्तानी मौलाना तारीक जमील ने इस वैश्विक महामारी के फैलने के लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया है। चौंकाने वाली बात ये है कि मौलाना जिस वक्त यह दावा कर रहे थे उस दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद थे।
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अहसास टेलीथॉन फंड रेजिंग इवेंट में मौलाना तारीक जमील ने कहा, औरतों के छोटे कपड़े पहहने के चलते मुल्क पर कोरोना वायरस जैसा खतरा आया है। उन्होंने कहा, कोरोना के कहर के पीछे औरतों द्वारा की गई गलत हरकतें हैं। इसी का नतीजा है आज हम चारों तरफ बर्बादी होते देख रहे हैं। मौलाना ने कहा, औरतों ने जो भी गलत काम किए, उसके बदले में यह कोरोना नाम की सजा पूरी इंसानियत को मिल रही है। जानकारी के मुताबिक, मौलाना जमील ने यह विवादित बयान प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में ही दिया। पीएम भी इवेंट में शामिल होने पहुंचे थे, जिसका लाइव प्रसारण किया गया था। बड़ी बात यह थी कि, पीएम ने न ही मौलाना को बयानबाजी करने से रोका और न ही उनसे कोई सवाल किए।
मीडिया के खिलाफ बयान पर मांगी माफी
इतना ही नहीं, मौलाना जमील ने झूठ फैलाने के लिए मीडिया की भी निंदा की थी। हालांकि मीडिया के खिलाफ दिए अपने बयान को लेकर विवाद में घिरने के बाद मौलाना ने माफी भी मांग ली। उन्होंने कहा, कार्यक्रम के दौरान उनकी जुबान फिसल गई गई। लेकिन उन्होंने महिलाओं पर अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कोई माफी नहीं मांगी।
पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग ने जताई आपत्ति
औरतों के खिलाफ मौलाना की टिप्पणी पर पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग ने आपत्ति जताई है। मानव अधिकार आयोग ने मौलान के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा है, "कमीशन इस बात को लेकर अफसोस जताता है, मौलाना ने महिलाओं के सम्मान को कोविड-19 महामारी से जोड़ दिया। इस तरह से वस्तुकरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता। टीवी पर ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम ऑन एयर होने के बाद लोगों के बीच गलत मैसेज जाता है।
Created On :   27 April 2020 3:06 PM GMT