सेना विरोधी अभियान के लिए पाक सीनेट ने इमरान खान पर बोला हमला

Pak Senate attacks Imran Khan for anti-military campaign
सेना विरोधी अभियान के लिए पाक सीनेट ने इमरान खान पर बोला हमला
पाकिस्तान सेना विरोधी अभियान के लिए पाक सीनेट ने इमरान खान पर बोला हमला
हाईलाइट
  • पीटीआई और सेना के बीच दरार पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के ऊपरी सदन सीनेट में सेना, सेना प्रमुख और सशस्त्र बलों के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड्स के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान विपक्ष और सरकार के सदस्यों ने एक-दूसरे पर सेना को बदनाम करने का आरोप लगाया।

बहस के दौरान, सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर सेना के खिलाफ गंदी बातें और शर्मनाक टिप्पणियां करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाने का आरोप लगाया। दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार पर पीटीआई और सेना के बीच दरार पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया।

इससे पहले विपक्षी सीनेटरों ने पीटीआई चीफ ऑफ स्टाफ शाहबाज गिल की कथित यातना के खिलाफ सदन से वाकआउट किया। गिल को सेना से संबंधित कथित देशद्रोही टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। गिल के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें जेल में बेरहमी से पीटा जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें पुलिस हिरासत में अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा।

यह सीनेट में बहस का एक प्रमुख मुद्दा बन गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया अभियानों के जरिए देश के सशस्त्र बलों और सेना प्रमुख को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता शेरी रहमान ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को विशेष सुविधा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा: अन्य राजनीतिक नेताओं ने समझौता किया है और कई साल जेल में बिताए हैं। आसिफ अली जरदारी ने 11 साल से अधिक जेल में बिताए। उनकी बहन फरयाल तालपुर को आधी रात को अस्पताल से एक आतंकवादी की तरह उठा लिया गया। मरियम नवाज के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था।

रहमान ने इमरान खान के इस आरोप पर भी सवाल उठाया कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन अमेरिका के इशारे पर हुआ है। रहमान ने कहा कि खान की पार्टी ने पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर पैरवी करने और सलाह देने के लिए इस्लामाबाद में पूर्व सीआईए स्टेशन प्रमुख के एक फर्म को काम पर रखा था। उन्होंने कहा कि यह ऐसे समय में किया गया जब इमरान खान सार्वजनिक रूप से आरोप लगा रहे थे कि अमेरिका के इशारे पर सत्ता परिवर्तन हुआ है।

पीटीआई का पाखंड उजागर हो गया है। उन्होंने 2021 में एक अमेरिकी परामर्श फर्म, ग्रेनियर कंसल्टिंग को काम पर रखा था, जिसे पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर पार्टी की पैरवी और सलाह देने के लिए इस्लामाबाद में सीआईए के एक पूर्व स्टेशन प्रमुख द्वारा चलाया जाता है। रहमान ने कहा, याद रखें, यह तब था जब इमरान खान अमेरिका के खिलाफ भाषण दे रहे थे। दूसरी ओर, पीटीआई नेतृत्व ने पार्टी और सेना के बीच दरार पैदा करने की कोशिश के लिए सरकार पर निशाना साधा।

जब से खान को सत्ता से बेदखल किया गया है, तब से वो पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पूरे सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चल रहे हैं। सरकार अब सेना के खिलाफ ट्रेंडिंग हैशटैग पर नकेल कस रही है। इस मामले में कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं, और सरकार कह रही है कि खान ने लोगों के दिमाग में सेना के खिलाफ जहर भरने का काम किया है। सरकार में शामिल दलों ने मांग की है कि खान को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और देशद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

(आईएएनएस)

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Created On :   19 Aug 2022 7:31 PM IST

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