अब ट्यूनीशिया नहीं रहेगा इस्लामिक राष्ट्र, संविधान में हुआ ये परिवर्तन
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- इस्लामिक कंट्री से बाहर होगा ट्यूनीशिया
- नए संविधान का मसौदा हुआ तैयार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया के संविधान में बड़ा बदलाव होने जा रहा है जिसके तहत ट्यूनीशिया इस्लामिक राष्ट्र नही रह जाएगा। नए संविधान का मसौदा बनकर तैयार हो गया है। वहीं बीते सोमवार को नए संविधान का मसौदा राष्ट्रपति सैयद को सौंपा जा चुका है और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वे 25 जुलाई को होने वाले जनमत संग्रह से पहले ही मंजूरी दे दे। ट्यूनीशिया का नया संविधान 2014 के संविधान की जगह लेगा।
अब नहीं रहेगा राजकीय धर्म इस्लाम
गौरतलब है कि ट्यूनीशिया में नया संविधान लागू होते ही राजकीय धर्म इस्लाम नहीं रह जाएगा। राष्ट्रपति सैयद ने ट्यूनीशिया एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ट्यूनीशिया के नए संविधान में ऐसे स्टेट का उल्लेख नहीं किया जाएगा, जिसमें धर्म इस्लाम है। लेकिन हम एक राष्ट्र की बात करेंगे जो उम्मा (समुदाय) से संबंधित है, जिसका धर्म इस्लाम है।
यानि राष्ट्रपति सैयद के मुताबिक, ट्यूनीशिया का कोई राजकीय धर्म नहीं होगा। सरकार की कार्यप्रणाली के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति सैयद ने कहा, मामला राष्ट्रपति या संसदीय प्रणाली का नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि संप्रभुता लोगों के लिए है बाकी सब कार्यपालिका का काम है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के कामकाज का उल्लेख है।
नए संविधान से देश में आएगा परिवर्तन
ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति सैयद ने आगे कहा कि नए संविधान के लागू होने से देश की राजनीतिक व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं राष्ट्रपति के इस कदम को विपक्षी इस्लामिक पार्टियों को कमजोर करने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कानूनी विशेषज्ञ ने कही ये बात
नए संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति का नेतृत्व करने वाले कानूनी विशेषज्ञ सादेक बेलैद ने समाचार एजेंसी एएफपी को इसी महीने दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वह इस्लामी पार्टियों को चुनौती देने के लिए संविधान के नए मसौदे से इस्लाम के सभी संदर्भों को हटा देंगे, जिसमें ऐसे कोई संकेत नहीं होंगे जिससे लगे कि ट्यूनीशिया का स्टेट रिलीजन इस्लाम है। अब नया संविधान लागू हो जाने से ट्यूनीशिया इस्लामिक कंट्री से बाहर हो जाएगा।
Created On :   25 Jun 2022 8:15 PM IST