12 देशों में मंकीपॉक्स ने मचाया कोहराम, भारत में भी फैलने के आसार!, WHO ने जारी की चेतावनी
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- मंकीपॉक्स के अभी तक दुनियाभर में 92 मरीज पाए गए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी अभी खत्म भी नहीं हुआ कि नई बीमारी मंकीपॉक्स तेजी से विश्वभर के कई देशों में पैर पसार चुका है। मंकीपॉक्स के अभी तक दुनियाभर में 92 मरीज पाए गए हैं। गौरतलब है कि मंकीपॉक्स के सारे केस यूके, यूरोपीय देश, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत 12 देशों में मिले हैं। हालांकि, भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। विश्वभर के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले को देखते हुए भारत सरकार ने "नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल" और "इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च" को सतर्क रहने के लिए कहा है। खबरों के मुताबिक, इसी बीच मुंबई एयरपोर्ट और बीएमसी मंकीपॉक्स वायरस को लेकर अलर्ट पर है।
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 23, 2022
WHO ने दी चेतावनी
मंकीपॉक्स वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जिन-जिन देशों में यह बीमारी नही फैली है, उन देशों में मंकीपॉक्स के अधिक मामले आने की संभावना है। क्योंकि ये बीमारी उन लोगों में फैल रहा है जो किन्हीं कारणों से संक्रमिक लोगों के संपर्क में आए है।
WHO के अधिकारी डेविड हेमैन ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि मंकीपॉक्स इंसानों में सेक्स के जरिए ज्यादा फैल रहा है और इस कारण दुनिया भर में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साउथ अफ्रीकन देशों में हर साल मंकीपॉक्स के हजारों लोग संक्रमित होते है।
जानें मंकीपॉक्स के बारे में
जानकारों के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान वायरस है लेकिन उससे कम गंभीर है। मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन से संबंधित है। 1958 में बंदरो में चेचक जैसी बीमारियों के बारे में मालूम हुआ था, उनमें से एक मंकीपॉक्स भी है। आजतक न्यूज चैनल के अनुसार, डॉ. विक्रांत शाह जो कि चेंबूर के जैन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में कंसल्टिंग फिजिशियन और इंफेक्शन स्पेशलिस्ट है, जिन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स एक जूनोसिस डिसीज है, जो अफ्रीका में ज्यादातर जानवरों से इंसानों में फैलती है। इंसान से इंसान में इसका फैलना इतना आम नहीं है क्योंकि ये संक्रमित व्यक्ति के पस या लार के संपर्क में आने से फैलता है।
इस बीमारी को पहली बार देखा गया
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले ब्रिटेन में बीते 7 मई को देखा गया था। इस बीमारी का लक्षण एक मरीज में सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। वह मरीज नाइजीरिया की यात्रा से वापस आया था। बताया जा रहा है कि यह बीमारी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है। जिसको लोगों में कोरोना की तरह इसको लेकर भी डर पैदा होने लगी है।
जानें कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस
मंकीपॉक्स वायरस छुआछूत जैसी ही बीमारी है। इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर या उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तौलिए के दोबारा इस्तेमाल करने से फैलता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट, हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी का कोई अलग से इलाज नहीं है। हालांकि चेचक के खिलाफ टीकाकरण मंकीपॉक्स को रोकने में करीब 85 फीसदी प्रभावी पाया गया है।
Created On :   23 May 2022 7:47 PM IST