Malabar naval drills: मालाबार अभ्यास पर चिढ़ा चीन, ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- इससे इंडो-पैसेफिक क्षेत्र जियो-पॉलिटिकल हॉट-स्पॉट में तब्दील हो जाएगा
- मेगा मालाबार नौसैनिक अभ्यास पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया
बीजिंग। बंगाल की खाड़ी में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के मेगा मालाबार नौसैनिक अभ्यास पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया आई है। चीन के मुखपत्र "ग्लोबल टाइम्स" ने मालाबार एक्सरसाइज पर निशाना साधा है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, इस युद्धभ्यास से इंडो-पैसेफिक क्षेत्र "जियो-पॉलिटिकल हॉट स्पॉट" में तब्दील हो जाएगा, क्योंकि अमेरिका इस एक्सरसाइज के जरिए चीन के खिलाफ "एशियन-नाटो" खड़ा करना चाहता है।
क्या कहा ग्लोबल टाइम्स ने?
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया ने क्वाड संगठन बनाया है और इन्ही देशों की नौसेनाएं मालाबार युद्धभ्यास में हिस्सा ले रही हैं। ऐसे में आने वाले समय में इसमें अन्य देश भी जुड़ सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि इसका मकसद चीन के खिलाफ सैन्य गठजोड़ है। ग्लोबाल टाइम्स ने मालाबार एक्सरसाइज को लेकर भारत पर भी निशाना साधा है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र (समंदर) में चीन के खिलाफ अमेरिका से मदद लेना चाहता है, लेकिन इस तरह के गठजोड़ से भारत "शतरंज की मोहरें" बनकर रह जाएगा।"
बता दें कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को बंगाल की खाड़ी में मेगा मालाबार नौसैनिक अभ्यास का पहला चरण शुरू किया। इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विस्तारवादी चीन के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है। यह अभ्यास इन चारों देशों के बीच रणनीतिक संबंध को दर्शाता है। ये सैन्य अभ्यास तीन दिन तक चलेगा और शुक्रवार को खत्म होगा। पिछले हफ्ते भारत ने यह घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया भी इस अभ्यास का हिस्सा होगा, जिस पर अमेरिका ने सहमति जताई थी।
मालाबार नौसैनिक अभ्यास में इंडियन नेवी के 4 जहाज रणविजय, शिवालिक, शक्ति और सुकन्या, वहीं सबमरीन सिंधुराज ने भी समुद्र में अपनी ताकत दिखाई। भारत के शिप और सबमरीन के साथ यूएस के जॉन एस मैक्कैन मिसाइल डेस्ट्रॉयर, आस्ट्रेलिया के एचएएमएस बालारत और जापान के शिप जेएस ओनैमी ने समुद्र में अपने युद्ध कौशल का दुनिया को अहसास कराया। समुद्र में एंटी सबमरीन वारफेयर ऑपरेशंस, क्रॉस डेक लैंडिंग और अनेक तरह के संयुक्त युद्धाभ्यास किया गया। यह नौसैनिक युद्धाभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब भारत और चीन पिछले 4 दशकों में सबसे गंभीर सीमा विवाद से जूझ रहे हैं।
Created On :   4 Nov 2020 12:53 AM IST