RCEP समझौते में शामिल नहीं होगा भारत, घरेलू उद्योगों के हित को ध्यान में रखकर फैसला

RCEP समझौते में शामिल नहीं होगा भारत, घरेलू उद्योगों के हित को ध्यान में रखकर फैसला

डिजिटल डेस्क, बैंकॉक। भारत ने रीजनल कॉम्प्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। घरेलू उद्योगों के हित को ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया है। सूत्रों के अनुसार आरसेप शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आरसेप समझौते का मौजूदा स्वरूप भारत के दीर्घकालिक मुद्दों और चिंताओं का संतोषजनक रूप से समाधान पेश नहीं करता।"

पीएम ने कहा, "इस तरह के फैसलों से हमारे किसानों, कारोबारियों, पेशेवरों और उद्योगों के हित जुड़े हैं। साथ ही भारत को बड़ा बाजार बनाने वाले उपभोक्ता एवं कामगार भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

आरसेप के अस्तित्व में आने से हजारों साल पहले भारतीय कारोबारी, उद्यमी एवं आम लोगों ने इस क्षेत्र के साथ मजबूत संबंध बनाए। शताब्दियों तक इन संपर्कों एवं संबंधों ने हमारे परस्पर समृद्धि में बेशकीमती योगदान दिया है।"

पीएम मोदी ने कहा "मैं सभी भारतीयों के हितों को ध्यान में रखते हुए आरसेप समझौते को मापता हूं। मुझे सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है। इसलिए, मेरा विवेक मुझे आरसेप में शामिल होने की अनुमति देता है।" 

पीएम मोदी ने कहा, "भारत एक व्यापक क्षेत्रीय एकता पर जोर देने के साथ-साथ एक स्वतंत्र कारोबार एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का आकांक्षी है। आरसेप की शुरुआत के समय से ही भारत वार्ताओं में सक्रिय एवं रचनात्मक भूमिका निभाई है।"

उन्होंने कहा, "भारत अधिक से अधिक क्षेत्रीय एकीकरण के साथ-साथ मुक्त व्यापार और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के पालन के लिए खड़ा है। भारत प्रारंभ से ही आरसीईपी वार्ता में सक्रिय, रचनात्मक और सार्थक रूप से लगा हुआ है।"

कांग्रेस के विरोध के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि RCEP एग्रिमेंट से सभी को लाभ मिलेगा। ये भारत और सभी भागीदारों के हित में है।

विदेश मंत्रालय की सचिव (ईस्ट) विजय ठाकुर सिंह ने कहा, "भारत ने आरसेप समझौते में शामिल नहीं होने के शिखर सम्मेलन में अपने निर्णय से अवगत कराया। यह वर्तमान वैश्विक स्थिति और समझौते की निष्पक्षता और संतुलन के हमारे आकलन को दर्शाता है।"

आरसेप एक अंब्रेला ट्रेड एग्रिमेंट है जिसमें 16 देश शामिल हैं। 10 आसियान देश और चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और भारत आरसेप में आते हैं। भारत और 15 एशिया-प्रशांत देशों के नेताओं को उम्मीद थी कि आज दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार क्षेत्र को बनाने के लिए सात साल की बातचीत के सफल समापन की घोषणा की जाएगी।

ASEAN नेताओं ने मूल रूप से RCEP के विचार को 2012 में प्रस्तावित किया था जब भारत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार थी। वार्ता 2013 में शुरू हुई थी।

Created On :   4 Nov 2019 8:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story