Hong Kong: चुनाव स्थगित करने के सरकार के फैसले का हांगकांग में विरोध, 290 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लैम ने 31 जुलाई को चुनाव को एक साल के लिए टालने का फैसला लिया
- हांगकांग में चुनाव स्थगित करने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहें 290 लोग गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, हांगकांग। हांगकांग में चुनाव स्थगित करने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे लगभग 290 लोगों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। चुनाव (Elections for Hong Kong"s legislature) रविवार को होने थे, लेकिन मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लैम ने 31 जुलाई को चुनाव को एक साल के लिए टालने का फैसला लिया था। लैम ने कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों को चुनाव टालने की वजह बताया था, लेकिन आलोचकों ने कहा कि लैम को इस बात का डर था कि कि तय समय पर चुनाव हुए तो विपक्ष को ज्यादा सीटें मिलेंगी।
पुलिस ने कहा कि 289 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ज्यादातर की गिरफ्तारी चुनाव को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के लिए की गई है। पुलिस विभाग ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि एक महिला को प्रो- इंडिपेंडेंस नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे नारे नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अवैध हैं। बता दें कि चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने मई में सर्वसम्मति से हांगकांग के लिए नेशनल सिक्योरिटी लॉ को पारित किया था। इस कानून के पारित होने से हांगकांग के अधिकारों, स्वायत्तता में कटौती हो गई है। इस कानून में जेल में अधिकतम सजा उम्रकैद है। जानकारों का कहना है कि नेशनल सिक्योरिटी लॉ के पास होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हांगकांग की आजादी अब खत्म हो गई है।
राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की परिभाषा तय करने का अधिकार अब चीन और उसकी कठपुतली चीफ एक्जीक्यूटिव सरकार को मिल गया है। इस लॉ के बहाने अब लोकतंत्र समर्थकों और आजाद हांगकांग की मांग करने वालो को निशाना बनाया जा रहा है। जानकार इसे हांगकांग की लोकतंत्र की उम्मीदों के ताबूत में आखिरी कील बता रहे हैं। नेशनल सिक्योरिटी लॉ के लागू होने के 24 घंटे से कम समय में प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
हांगकांग को अपने कब्जे में लेना चाहती है चीनी सरकार
1997 में हांगकांग की 99 साल की लीज खत्म होने से पहले 1984 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर और चीन के प्रमुख झाओ ज़ियांग ने सीनो ब्रिटिश जॉइंट डिक्लेरेशन पर साइन किया था। इस डिक्लेरेशन के तहत दोनों देश इस बात पर राजी हुए कि चीन 50 साल के लिए "एक देश-दो व्यवस्था" की नीति के तहत हांगकांग को कुछ पॉलिटिकल और सोशल ऑटोनॉमी देगा। इसके बाद चीन ने हांगकांग को विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का दर्जा दिया।
अब हांगकांग के पास अपना एक मिनी संविधान था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे नागरिक अधिकार थे। हालांकि इस नए सिस्टम में हांगकांग के लोगों पर 50 साल की तलवार भी लटक रही थी जिसके बाद उन्हें दिए गए स्वायत्तता के अधिकार छीन लिए जाने थे। 50 साल की मियाद 2047 में पूरी होनी है, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकार 50 साल का भी इंतजार करने को राजी नहीं है। वो अभी से हांगकांग को अपने कब्जे में लेना चाहती है। इसी वजह से वह नेशनल सिक्योरिटी लॉ लेकर आई है।
Created On :   6 Sept 2020 9:47 PM IST