Border Dispute: चीन का दावा- भारतीय सैनिकों ने LAC पार कर चीनी सैनिकों पर किया था हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। बीते दिनों लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए जबकि चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के हताहत होने की खबर है। इस घटना के बाद से देश में चीन का विरोध जारी है। वहीं चीन लगातार यह दावा कर रहा है कि, गलवान घाटी उसके हिस्से में है। इतना ही नहीं चीन अब ये भी कह रहा है कि, भारतीय सैनिकों ने LAC पार की थी और चीनी सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ।
विदेश मंत्रालय ने दावा
शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि, गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है। उन्होंने यह भी कहा कि, भारतीय सैनिकों ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को तोड़ते हुए 15 जून की शाम को जानबूझकर एलएसी को पार किया और चीन के सैनिकों पर हमला किया।
The Indian side promised that they would not cross the estuary of the Galwan river to patrol and build facilities and the two sides would discuss and decide phased withdrawal of troops through the meetings between commanders on the ground: China"s Foreign Ministry Spokesperson
— ANI (@ANI) June 19, 2020
जान-बूझकर खराब किए गए हालात- चीन
चीन ने कहा है कि, 15 जून की दोनों देशों के बीच के हालात को जान-बूझकर खराब किया गया। चीनी सेना और अधिकारी जब उनसे बात करने के लिए पहुंचे तो भारतीय जवानों ने हमला कर दिया। जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच हिंसक संघर्ष हुआ।
जल्द हो कमांडर लेवल की दूसरी बैठक
चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने वेबसाइट पर एक प्रेस नोट भी जारी किया जिसमें दावा किया गया है कि, गलवान घाटी एलएसी के चीन की तरफ है। प्रेस नोट में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है, क्षेत्र में मौजूदा तनावपूर्ण हालात से निपटने के लिए कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए। दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य के जरिए तनाव कम करने के लिए संवाद कर रहे हैं।
सीमा पर संघर्ष को लेकर ये कहना है कि चीन का...
चीनी प्रवक्ता झाओ ने कहा, कई सालों से चीन सीमा के सैनिक क्षेत्र में गश्त करते रहे हैं और ड्यूटी पर रहे हैं। झाओ ने आरोप लगाया कि इस साल अप्रैल से एकतरफा कदम उठाते हुए गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने लगातार सड़कें, पुल और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया है। चीन ने कई बार भारत से शिकायत की लेकिन भारत ने और उकसाने वाला कदम उठाते हुए एलएसी को पार किया।
उन्होंने कहा, एलएससी पार कर चीन क्षेत्र में आ गए भारतीय सैनिकों ने 6 मई की सुबह तक किलेबंदी कर दी और बैरिकेड लगा दिए जिससे सीमा पर तैनात चीनी सैनिकों के गश्त में व्यवधान पड़ा। भारत ने जानबूझकर उकसाने वाला कदम उठाया जिसने चीन के सैनिकों को परिस्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
झाओ ने कहा, शांति बहाल करने के लिए चीन और भारत ने सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिए बात की। चीन की मजबूत मांगों के प्रतिक्रियास्वरूप भारत एलएसी पार करने वाले अपने सैनिकों को वापस बुलाने और बनाई गई सुविधाओं को ध्वस्त करने के लिए तैयार हो गया और उन्होंने ऐसा ही किया।
झाओ ने कहा कि 6 जून को कमांडर लेवल की मीटिंग में सहमति बनी कि दोनों पक्ष जमीन पर मौजूद कमांडरों की बैठक के बीच चरणबद्ध तरीके से अपनी सेनाएं हटाएंगे। लेकिन 15 जून की रात को कमांडर स्तर की बैठक में हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई करते हुए एक बार फिर एलएसी पार किया और वार्ता करने के लिए उनके पास गए चीनी सैनिकों और अधिकारियों पर हिंसक हमला किया, जिससे सैनिक हताहत हुए।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के इस कदम ने सीमा विवाद पर दोनों पक्षों के बीच हए समझौते और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। झाओ ने कहा कि चीन आशा करता है कि भारत चीन के साथ काम करेगा और दोनों सरकारों के बीच हुए समझौतों का पालन करेगा।
एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा विवाद
गौरतलब है कि, भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पांगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 5 मई को इसे लेकर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी।
सैन्य स्तर की कई वार्ताओं के बाद 6 जून को दोनों देश के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों देश गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग एरिया में अपनी-अपनी सेनाओं को करीब 2 किलोमीटर तक पीछे हटाने को सहमत हुए। लेकिन चीन ने धोखेबाजी कर गलवान घाटी के पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था।
चीन ने गलवान घाटी पर जताया दावा
चीन अब गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के गलवान घाटी पर किए गए दावे को "अतिशयोक्तिपूर्ण और अपुष्ट" करार दिया है।
Created On :   20 Jun 2020 8:24 AM IST