Belarus-Russia President Meet: बेलारूस के राष्ट्रपति ने की व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात, 1.5 बिलियन डॉलर का लोन देगा रूस
- दोनों नेताओं की मुलाकात सोची के ब्लैक सी रिसॉर्ट में हुई
- बेलारूस के राष्ट्रपति ने की रूसी राष्टपति पुतिन से मुलाकात
- बेलारूस को 1.5 बिलियन डॉलर का लोन देगा रूस
डिजिटल डेस्क, मॉस्को। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेनको ने अधिक ऋण और राजनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात सोची के ब्लैक सी रिसॉर्ट में हुई। पुतिन ने कहा कि रूस बेलारूस को 1.5 बिलियन डॉलर का ऋण प्रदान करेगा और पड़ोसियों के बीच एक संघ संधि के तहत अपने सभी दायित्वों को पूरा करेगा। वार्ता की शुरुआत में बोलते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेलारूसियों को स्वयं किसी भी विदेशी मध्यस्थता के बिना स्थिति का निपटारा करना चाहिए। उन्होंने लुकाशेनको की संवैधानिक सुधार की शपथ के लिए सराहना भी की।
बता दें कि बेलारूस के राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग को लेकर करीब 6 हफ्तों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। रविवार को एक लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने राजधानी मिंस्क में मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के साथ लुकाशेनको की मीटिंग को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी। लोगों को संदेह है कि साल 2014 में जिस तरह यूक्रेन और क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूस ने कब्जा किया था उसी तरह बेलारूस का हाल भी हो सकता है। बता दें कि बेलारूस एक समय सोवियत यूनियन का ही भाग था। 1991 में सोवियत यूनियन के पतन के बाद बेलारूस स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में जरूर आ गया था लेकिन सोवियत संस्कृति और संस्कार का मोह वह अभी तक नहीं त्याग पाया है।
बेलारूस में 9 अगस्त को छठी बार राष्ट्रपति चुनाव हुए। इस चुनाव में अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ सरहेई तसिख़ानोउस्की खड़ा होना चाहते थे। सरहेई तसिख़ानोउस्की लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता हैं। मगर उन्हें बिना किसी आरोप के जेल में डाल दिया गया। ऐसे में सरहेई तसिख़ानोउस्की की पत्नी स्वेतलाना ने टीचर की अपनी नौकरी छोड़ी और चुनाव में खड़ी हो गईं। उनकी जनसभाओं में रिकॉर्ड भीड़ जमा हुई। लोग कह रहे थे कि अगर निष्पक्ष चुनाव हों, तो लुकाशेनको का कोई चांस नहीं है। मगर पब्लिक जानती थी कि लुकाशेनको धांधली करवाएंगे और हुआ भी यही। लुकाशेंको को 80% वोट मिले हैं, जबकि स्वेतलाना तीखानोव्स्कया को सिर्फ 10%। अलेक्जेंडर लुकाशेंको छठी बार बेलारूस के राष्ट्रपति बने। ऐसे में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी दोबारा चुनाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन लुकाशेंको ने कह दिया है कि उनके मरने के बाद ही ऐसा होगा।
उधर, 14 अगस्त को चुनाव नतीजे घोषित किए जाने के कुछ दिन बाद ही स्वेतलाना तीखानोव्स्कया ने बेलारूस छोड़ दिया था। वो लिथुआनिया चली गई। चुनाव से पहले स्वेतलाना ने "खतरे" की वजह से अपने बच्चों को भी लिथुआनिया भेज दिया था। स्वेतलाना ने चुनाव नतीजों के बारे में अधिकारियों से शिकायत करने की कोशिश की थी। हालांकि, उन्हें कई घंटों के लिए हिरासत में ले लिया गया था, जिसके बाद उन्होंने देश छोड़ दिया था। उनके कैंपेन के लोगों का कहना है कि उन्हें जाने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद स्वेतलाना का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो प्रदर्शनकारियों से चुनाव के नतीजों को मानने की अपील कर रही थीं। इस वीडियो में वो ऐसा संदेश देती दिखीं कि उन्हें मजबूर किया जा रहा है। कैंपेन के लोगों का मानना था कि शायद उनके बच्चों को धमकाया गया है।
इसके बाद 17 अगस्त को स्वेतलाना ने एक और वीडियो जारी किया और संदेश दिया कि वो बेलारूस का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अधिकारियों से लुकाशेंको का साथ छोड़ने की भी अपील की थी। स्वेतलाना ने यूरोप से लुकाशेंको के दोबारा चुने जाने को मान्यता न देने की अपील की है।
Created On :   14 Sept 2020 8:40 PM IST