बांग्लादेश: शेख मुजीबुर की हत्या में शामिल पूर्व सैन्य अधिकारी अब्दुल मजीद को फांसी

Bangladesh Sheikh Mujibur Rahman Killer Former military captain Abdul Majed was Hanged
बांग्लादेश: शेख मुजीबुर की हत्या में शामिल पूर्व सैन्य अधिकारी अब्दुल मजीद को फांसी
बांग्लादेश: शेख मुजीबुर की हत्या में शामिल पूर्व सैन्य अधिकारी अब्दुल मजीद को फांसी

डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश के संस्थापक बंग बंधु मुजीबुर रहमान की हत्या में शामिल सेना के पूर्व कैप्टन अब्दुल मजीद को शनिवार आधी रात को फांसी दे दी गई। स्वतंत्रता सेनानी मुजीबुर रहमान की 1975 में की गई हत्या के दोषियों में से एक अब्दुल मजीद को ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। जेलर महबूबुल आलम के मुताबिक मजीद को शनिवार-रविवार की रात 12 बजे बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया। बंग बंधु की हत्या के इस दोषी को लगभग 45 साल फरार रहने के बाद मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था। मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति थे और बाद में वह प्रधानमंत्री पद पर भी काबिज हुए थे।

बता दें कि, 1975 में तख्तापलट की कोशिश के दौरान बंग बंधु मुजीबुर के पूरे परिवार की हत्या कर दी गई थी। शेख हसीना और उनकी बहन इस हमले में बच गई थीं, क्योंकि वे जर्मनी के दौरे पर थीं। इस तख्ता पलट अभियान में सेना के कई अधिकारी भी शामिल थे। हत्या के बाद अब्दुल मजीद फरार हो गया था। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने बताया कि, माजिद ने खुद हत्या की बात स्वीकार की थी। वह नवंबर 1975 में ढाका जेल में चार लोगों की हत्या में भी शामिल था।

राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने खारिज की थी दया याचिका
मजीद को शनिवार रात स्थानीय समय अनुसार 12 बजे के आसपास केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। हत्या के बाद से फरार मजीद को मंगलवार को ही गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य संबंधियों ने जेल में उससे दो घंटे तक मुलाकात की। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हुआ था।

कुल 15 दोषियों में पांच अभी भी फरार
1996 में आवामी लीग के सत्ता में आने के बाद मुजीबुर रहमान की हत्या के मामले की जांच शुरू करवाई गई थी। ढाका सत्र अदालत ने 1998 में 15 लोगों को दोषी पाया और फांसी की सजा सुनाई। 2001 में हाई कोर्ट ने तीन दोषियों को बरी कर दिया। 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बरकरार रखा और पांच दोषियों- बजलुल हुडा, एकेएम मोहिउद्दीन अहमद, सैयद फारूक रहमान, सुल्तान शहरयार राशिद खान और मोहिउद्दीन अहमद को फांसी दी गई। एक दोषी अजीज पाशा जिम्बॉब्वे फरार हो गया जहां उसकी मौत हो गई। छह अन्य फरार दोषियों में मजीद शामिल था। पांच दोषी अभी भी फरार हैं।

ब्राजीली राष्ट्रपति ने मोदी को लिखी चिट्ठी, भारत की मदद को बताया "संजीवनी बूटी"

Created On :   12 April 2020 11:08 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story