चांद पर जापान: जापान ने रचा इतिहास, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करना वाला 5वां देश बना, पिछले साल रहा था असफल

जापान ने रचा इतिहास, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करना वाला 5वां देश बना, पिछले साल रहा था असफल
  • चांद पर कदम रखने वाला पांचवा देश बना जापान
  • स्लिम ने सफलतापूर्वक की लैंडिंग
  • कई असफल प्रयासों की बाद मिली सफलता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जापाके स्लिम मून मिशन ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। इस तरह अब जापान भी भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का 5वां देश बन गया। बता दें कि पिछले साल भारत ने भी चांद की सतह पर सफलतापूर्वक कदम रख इतिहास रच दिया था। इसके साथ ही वह यह मुकाम करने वाला दुनिया का चौथा जबकि दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना था।

क्या है स्लिम का मतलब?

जापान के इस मून मिशन का मतलब स्लिम था यानी स्मार्क लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन। जापान स्पेस एजेंसी ने इसके बारे में जानकारी शेयर करते हुए बताया कि चांद की सतह पर उतरने के लिए 600x4000 km का इलाका खोजा है। स्लिम यहीं पर लैंडिंग करेगा। चांद के ध्रवीय इलाके में मौजूद इस स्थान पर स्लिम ने सटीक लैंडिंग की।

बता दें कि जिस जगह पर स्लिम ने लैंडिंग की है उसका नाम शियोली क्रेटर है, जिसे चांद का सबसे अंधेरे वाला स्थान कहा जाता है। एडवांस ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी से लैस स्लिम के साथ एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन भी चांद पर गया है। जो कि चांद का चक्कर लगाते समय वहां बहने वाली हवाओं की जांच भी करेगा। जिससे ब्रह्मांड में तारों और आकाशगंगाओं के ओरिजन के बारे में जानकारी मिलेगी। चांद पर पहुंचने वाले इस जापानी यान को नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर बनाया गया है।

5 महीने बाद पहुंचा

जापान ने अपना मून मिशन जिसे मून स्पाइनर भी कहा जा रहा है, 6 सितंबर 2023 को तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू कॉम्पलेक्स से लॉन्च किया था। इस मिशन में 831 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आई है। बता दें कि स्लिम चांद की सतह पर मौजूद ओलिवीन पत्थरों की जांच करेगा, जिससे चांद के ओरिजन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी।

विफल हुआ था पहला प्रयास

इससे पहले भी जापान ने चांद पर सफल लैंडिंग करने की कोशिश की थी, जिसमें वो नाकाम रहा था। पिछले साल उसके द्वारा लॉन्च मून मिशन के लैंडर ओमोतनाशी से उसका संपर्क टूट गया था। इसे बीते साल नवंबर में चांद की सतह पर लैंड होना था। इसके बाद जापान एक और मून मिशन हाकूतो-आर मिशन लैंडर को चांद पर भेजा। लेकिन यह भी असफल रहा।

Created On :   19 Jan 2024 11:05 PM IST

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