Iran Hijab Protest: हिजाब के विरोध में प्रदर्शन के बाद सुप्रीम लीडर खामेनेई के बदले बोल, महिलाओं को नाजुक फूल बताने पर शुरू हुआ नया विवाद

हिजाब के विरोध में प्रदर्शन के बाद सुप्रीम लीडर खामेनेई के बदले बोल, महिलाओं को नाजुक फूल बताने पर शुरू हुआ नया विवाद
  • हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतरी देश की महिलाएं
  • ईरान में साल 1979 में हुई थी हिजाब कानून की शुरुआत
  • बीते सप्ताह हिजाब न पहनने के लिए एक गायिका को किया था गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां एक ओर ईरान में महिलाओं के ऊपर कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने महिलाओं को लेकर एक बड़ा बयान दे डाला है। उनके इस बयान ने मुल्क में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल, बीते बुधवार को ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था। पोस्ट में उन्होंने महिलाओं को 'नाजुक फूल' कहकर संबोधित किया। साथ ही उन्होंने पोस्ट में ये भी कहा कि महिलाओं को नौकरानियों की तरह नहीं रखना चाहिए।

खामेनेई ने क्या लिखा?

सोशल मीडिया पर अली खामेनेई ने लिखा, "महिला एक नाजुक फूल है, घर की नौकरानी नहीं है। महिला को घर में एक फूल की तरह माना जाना चाहिए। उसकी एक फूल की तरह देखभाल की जानी चाहिए। उसकी ताजगी और मीठी सुगंध का लाभ उठाया जाना चाहिए। हवा को सुगंधित करने के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए।"

हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतरी देश की महिलाएं

अली खामेनेई ने ये पोस्ट उस वक्त किया जब पूरे देश की महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरी हुई हैं। बता दें, बीते दिनों ईरान से एक खबर मिली थी कि वहां महिलाओं के हिजाब न पहनने को लेकर कड़े कानून लाए गए हैं। जिसके तहत, अगर वहां की कोई महिला हिजाब नहीं पहनती हैं तो उन्हें अवैध तरीके से गिरफ्तारी, बैंक खाते की जब्ती, विश्वविद्यालय से निष्कासन जैसे कड़े दंड दिए जा सकते हैं।

बता दें, साल 2022 में ईरान के इसी हिजाब कानून के खिलाफ एक 22 साल की महिला महसा अमिनी ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद पुलिस ने मौजूदा सरकार के आदेश पर उनकी हत्या कर दी थी।

बीते सप्ताह की ही बात है, ईरानी पुलिस ने 27 वर्षीय गायिका परस्तू अहमदी को इसलिए गिरफ्तार कर लिया था क्योंकि, उन्होंने एक वर्चुअल कॉन्सर्ट में बिना हिजाब पहने प्रदर्शन किया था।

कब लाया गया था हिजाब कानून?

जानकारी के लिए बता दें, ईरान में इस हिजाब कानून की शुरुआत साल 1979 में ईरानी क्रांती के बाद हुई थी। उस वक्त की मौजूदा सरकार ने वहां शरिया लॉ लागू कर दिया था। जिसके तहत महिलाओं का हिजाब पहनना अनिवार्य हो गया था।

Created On :   19 Dec 2024 3:15 PM IST

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