अमेरिका-चीन संबंध: अमेरिका दौरे पर चीन के राष्ट्रपति, प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही भिड़े जो बाइडेन- शी जिनपिंग! बाइडेन ने शी को बताया तानाशाह
- अमेरिका दौरे पर शी जिनपिंग
- ताइवान समेत अन्य मुद्दे पर भिड़े दोनों देश के राष्ट्राध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका दौरे पर गए हुए हैं। जहां उन्होंने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में शिरकत की है। इस दौरान शी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन में मुलाकात हुई है। दोनों दिग्गज नेताओं ने आपसी मतभेदों को खत्म करने को लेकर बैठक की। लेकिन बात नहीं बन पाई। खबरों के मुताबिक, ताइवान और व्यापार प्रतिबंधों की वजह से अमेरिका-चीन के बीच रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं।
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के बाद एक प्रेस काफ्रेंस हुआ। जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह बता दिया। सैन फ्रांसिस्को में एक पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए जो बाइडेन ने कहा, "वह (शी जिनपिंग) एक ऐसे देश की बागडोर संभालते हैं, जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है। उनकी सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल अलग है। इसलिए मैं अपने बयान यानी तानाशाह पर कायम हूं।"
कई बार बाइडेन शी को बुला चुके हैं तानाशाह
यह पहली बार नहीं है जब बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहकर संबोधित किया हो इससे पहले भी कई बार इस शब्द से उन्हें बुला चुके हैं। इसी साल के जून में जो बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह कहा था। जिसके बाद चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर आपत्ति जताई थी। चीन ने अधिकारिक तौर पर कहा था कि, बाइडेन का बयान बेतुका और गैर-जिम्मेदाराना है।
जिनपिंग ने भी बाइडेन पर साधा निशाना
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन की बैठक में शी जिनपिंग ने कहा कि, चीन कभी भी अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा की नीयत नहीं रखता है इसलिए अमेरिका को भी चीन को दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अमेरिका हमेशा से चीन को नीचे गिराने के लिए नए-नए तरकीब अपनाता रहा है। जिनपिंग ने आगे कहा कि, अमेरिका ने जो चीन पर प्रतिबंध लगाया है उससे देश के जायज हितों को काफी नुकसान हो रहा है। बता दें कि, चीनी राष्ट्रपति जब प्रेस में ये सारी बाते बोल रहे थे तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन वहां मौजूद थे।
दोनों देशों में बात कब बिगड़ी?
बीते साल ही अगस्त के महीने में अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की तत्कालीन स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। जिनपर चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन ताइवान को लेकर हमेशा से आक्रामक रहा है वो ताइवान को अपना बताता है। नैन्सी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने अमेरिका के साथ मिलिट्री संचार पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही इसी साल अमेरिका ने एक संदिग्ध गुब्बारा मार गिराया था और चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया था।
Created On :   16 Nov 2023 6:47 AM GMT