चीन से पंगा!: ताइवान को मिला इस देश का साथ, ड्रैगन से टक्कर लेने के लिए एयरबेस में शामिल होंगे ये ताकतवर फाइटर जेट

ताइवान को मिला इस देश का साथ, ड्रैगन से टक्कर लेने के लिए एयरबेस में शामिल होंगे ये ताकतवर फाइटर जेट
  • चीन और ताइवान के बीच तनाव
  • ताइवान को इस देश का मिला साथ
  • ड्रैगन से टक्कर लेने के शामिल होंगे ये फाइटर जेट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन शुरुआत से ही पड़ोसी देश ताइवान पर अपने प्रांत होने का अधिकार जताते आया है। हालांकि, चीन के इस दावे को ताइवन शुरू से नकारते आया है। ताइवान का दावा है कि उसका चीन की कम्युनिस्ट सरकार से कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद चीन अपने इरादे से पीछे नहीं हटता नजर नहीं आ रहा है। उसका मानना है कि एक दिन वह डरा-धमकाकर ताइवान पर अपना कब्जा जमा लेगा। वहीं, चीनी सेना के फाइटर जेट और समुद्री जहाज भी ताइवान की सीमा में घूसकर ताइवन की संप्रभुता की धज्जियां उड़ाते रहते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि ताइवान की सेना चीन के सामने कमजोर है। लेकिन, ताइवान की सेना काफी मजबूत है। उसे अमेरिका का समर्थन मिल रहा है। इस वजह से चीन उससे सीधे टकराने की हिम्मत नहीं कर रहा है।

चीन को मिला अमेरिका का साथ

चीन से खतरे को देखते हुए ताइवान ने 66 F-16V फाइटर जेट की डील की थी। इसमें से ताइवान के पास एक फाइटर जेट की डिलीवरी हो गई है। बता दें, दक्षिण कैरोलिना के ग्रीनविले में लॉकहीड मार्टिन के उत्पादन केंद्र में इस डिलीवरी समारोह का आयोजन किया गया था। इस संबंध में फोकस ताइवान ने रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक, जो नए F-16V फाइटर जेट ताइवान को मिलने वाले हैं। उससे वायुसेना सशक्त होगी जिससे वह चीन का मुकाबला कर पाएगी। दरअसल, 2019 में ताइवान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान 66 F-16V के लिए डील साइन की थी। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ताइवान को 2026 तक अमेरिका से सभी 66 नवीनतम F-16 फाइटर जेट मिलने की उम्मीद है।

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका से डिलीवरी होने के बाद उन्हें पूर्वी ताइवान के ताइतुंग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। इससे पहले साल 2023 में ताइवान की वायुसेना ने अपने 140 से ज्यादा F-16A/B बेड़े को F-16V के रूप में अपग्रेड किया है। ये जेट विमान अधिक उन्नत एवियोनिक्स से सुसज्जित हैं। इनमें एपीजी-83 स्केलेबल एजाइल बीम रडार, हेलमेट माउंटेड क्यूइंग सिस्टम समेत अन्य उड़ान प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां को शामिल किया गया है।

ताइवान ने अमेरिका से खरीदे ये जेट

इस संबंध में एक डिफेंस एक्सपर्ट ने जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि ताइवान ने जो F-16V अमेरिका से खरीदे हैं और वायुसेना ने जिन F-16A/B को अपग्रेड किया है, इससे ताइवान की वायुसेना काफी ज्यादा सशक्त होगी। इसके अलावा ताइवान के एक थिंकटैंक INDSR के रिसर्चर का भी कहना है कि अमेरिका से मिला नया फाइटर जेट जनरल इलेक्ट्रिक एफ110 इंजन से लैस है। उन्होंने बताया कि आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन में 29,000 पाउंड का थ्रस्ट है, जो ताइवान के मौजूदा एफ-16 विमानों में प्रयुक्त इंजनों के 23,000 पाउंड-अधिकतम थ्रस्ट से काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि दो सीटों वाले इस विमान में उन्नत AESA रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट है। मालूम हो कि US18E इजेक्शन सीट के साथ आता है। इसमें ताइवान के मौजूदा एफ-16 विमानों में लगे एयर इनटेक से भी बड़ा एयर इनटेक है।

बता दें, चीन आए दिन ताइवान को धमकी देता रहता है। जिसके चलते उसे अपनी सेना के बेड़े को काफी अपग्रेड करना पड़ता है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि उसका चीन में विलय होने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसे में चीन अपनी कोशिशें करता रहेगा। जिनपिंग के बयान और चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि चीन कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहा है।

Created On :   31 March 2025 3:13 PM IST

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