Bangladesh Protests: हिंसक विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 93% सरकारी नौकरी मेरिट पर ही मिलेंगी

हिंसक विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 93% सरकारी नौकरी मेरिट पर ही मिलेंगी
  • 93% सरकारी नौकरी योग्यता-प्रणाली के आधार पर
  • बीते कुछ दिनों से जारी रहा छात्रों का हिंसा प्रदर्शन
  • पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच घातक झड़पें हुईं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को खत्म करने को लेकर कुछ सप्ताह पहले शुरू हिंसक प्रदर्शन में सैकड़ों मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्णय किया है। बांग्लादेश की कोर्ट ने रविवार को सरकारी नौकरी के आवेदकों के लिए विवादास्पद कोटा प्रणाली को वापस ले लिया। हालांकि, अदालत ने आरक्षण की जारी व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। लेकिन, हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कोटा सिस्टम बरकरार रखने की बात कही गई थी।

बांग्ला सुप्रीम ने अपने फैसले में सरकारी नौकरियों में 93% सरकारी नौकरियों को योग्यता-आधारित प्रणाली के आधार पर भरने का आदेश दिया है। वहीं 1971 मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों और अन्य श्रेणियों के लिए सिर्फ 7 प्रतिशत पद आरक्षित रखने को कहा है।

अब तक थी यह व्यवस्था

अब तक बांग्ला देश में आरक्षण सिस्टम के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित थीं, जिनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और 1 प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित थीं। वहीं छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

पुलिस और छात्रों में जमकर चली झड़प

बांग्ला देश में लगातार चले हिंसक प्रदर्शन में पुलिस और छात्रों की झड़प में करीब 2500 से अधिक लोग और पुलिस के जवान घायल हुए थे। वहीं करीब 105 लोगों की मौत भी इस प्रदर्शन में हो चुकी है। हालांकि, बांग्लादेशी अधिकारियों ने मारे गए और घायल हुए लोगों की कोई आधिकारिक संख्या शेयर नहीं की है।

इस प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने सड़कों और विश्वविद्यालय परिसरों में पत्थर फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं और धुएं के ग्रेनेड फेंके थे।

देश में भी लागू किया कर्फ्यू

वहीं लगातार मौतों के बाद शांति व्यवस्था कायम करने देश में बीते दिनों कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया था। प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव ने बताया था कि, छात्रों के बढ़ते विरोध और प्रदर्शनों के बीच व्यवस्था बहाल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य चल रही अशांति को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

Created On :   22 July 2024 10:37 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story