Fake news: ट्रंप-विरोधी प्रदर्शन बताकर तीन साल पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल

Fake news: photo going viral on Social media as protest against donald trump
Fake news: ट्रंप-विरोधी प्रदर्शन बताकर तीन साल पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल
Fake news: ट्रंप-विरोधी प्रदर्शन बताकर तीन साल पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल

डिजिटल डेस्क। अमेरिका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच विरोध प्रदर्शन के कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वहीं एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें झंडे और बैनर के साथ हजारों लोगों को सड़को पर विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। इस फोटो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना को हथियार बनाकर जनता को तबाह करना चाहते हैं और इसके विरोध में अमेरिकी जनता सड़को पर उतर आई है। 

किसने किया शेयर?
यह फोटो फेसबुक यूजर "Riyaz Khan Khan " ने शेयर करते  हुए लिखा है, अमेरिका में जनता का तूफान उमड़ पड़ा है। ट्रंप कोरोना को हथियार बनाकर जनता को तबाह करना चाहता था। खुद अपने जाल में फंस गया, भारत में उसका दोस्त भाइयों और बहनों कहकर कभी रो रहा है कभी अवसर की दगाबाजी कर रहा है, बुरे का साथ करोगे तो बुरा ही करोगे, भारत की जनता भी उबाल मारने के लिए तैयार बैठी है, तख्त बदल दो, ताजबदल दो, बेइमानों का राज बदल दो।

क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि, वायरल फोटो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमे "The Atlantic" पर प्रकाशित एक आर्टिकल मिला। जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह फोटो 18 फरवरी 2017 की है। उस समय स्पेन के हजारों लोग बार्सिलोना में सड़क पर उतरे थे। इन लोगों की स्पेनिश सरकार से मांग थी कि सीरिया और अन्य क्षेत्रों से जो लोग युद्ध के कारण भागे हैं, उन्हें शरण दी जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि, स्पेन ने 17,000 से अधिक लोगों को शरण देने का वादा किया था, लेकिन उनमें से सिर्फ 1,100 को शरण दी गई थी। 

फरवरी 2017 में "The Guardian" ने भी यही फोटो इसी सूचना के साथ प्रकाशित की थी। हालांकि यह सच है कि अमेरिका में जनता बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन कर रही है, लेकिन वायरल फोटो का उससे कोई संबंध नहीं है। यह फोटो स्पेन की है। 

निष्कर्ष
वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह फोटो तीन साल से ज्यादा पुरानी है और स्पेन की है। 

Created On :   4 Jun 2020 1:39 PM IST

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